Ganesh Chaturthi 2020: इस शुभ मुहूर्त में करें विघ्नहर्ता श्रीगणेश की पूजा, जानें विधि, मंत्र और व्रत का महत्व

By गुणातीत ओझा | Published: August 7, 2020 11:07 AM2020-08-07T11:07:20+5:302020-08-07T11:07:20+5:30

आज शुक्रवार को संकष्टी चतुर्थी है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत है। संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की आराधना की जाती है। शास्त्रों में संकष्टी चतुर्थी का व्रत को बहुत ही शुभ फलदायी होता है।

Ganesh Chaturthi 2020: worship Vighnaharta Shri Ganesha in this auspicious time know the importance method mantra and vrat vidhi | Ganesh Chaturthi 2020: इस शुभ मुहूर्त में करें विघ्नहर्ता श्रीगणेश की पूजा, जानें विधि, मंत्र और व्रत का महत्व

आज गणेश चौथ के दिन ऐसे करें भगवान श्री गणेश की पूजा।

Highlightsआज शुक्रवार को संकष्टी चतुर्थी है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत है।संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की आराधना की जाती है। शास्त्रों में संकष्टी चतुर्थी का व्रत को बहुत ही शुभ फलदायी होता है।

आज शुक्रवार को संकष्टी चतुर्थी है। भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर संकष्टी चतुर्थी का व्रत है। संकष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश की आराधना की जाती है। शास्त्रों में संकष्टी चतुर्थी का व्रत को बहुत ही शुभ फलदायी होता है। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता माना जाता है। मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा करने से सभी तरह के कार्यों को पूरा करने में जरूर सफलता मिलती है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि धार्मिक मान्यता के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि संकष्टी के दिन गणपति की पूजा-आराधना करने से समस्त प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं। शास्त्रों में भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता के नाम से भी जाना जाता है। वे अपने भक्तों की सारी विपदाओं को दूर करते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। चन्द्र दर्शन भी चतुर्थी के दिन बहुत शुभ माना जाता है। 

बहुला चतुर्थी 
संकष्टी चतुर्थी के दिन कुछ स्थानों पर बहुला चतुर्थी भी मनाई जाती है। इस बारे में ऐसी मान्यता है कि बहुला नामक कृष्णजी के पास एक गाय थी जो कि उन्हें बेहद प्रिय थी। भगवान कृष्ण बाल्यावस्था में उसी का दूध पीते थे। भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि बहुला चतुर्थी के दिन व्रत रखने से संतान के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और लंबी आयु की प्राप्ति होती है। बहुला चतुर्थी व्रत में गाय.बछड़े के साथ भगवान कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। यह व्रत संतान को मान सम्मान दिलवाने वाला और दीर्घायु प्रदान करने वाला व्रत है। इस दिन गाय के दूध और उससे बनी चीजों का उपयोग नहीं किया जाता हैए सिर्फ बछड़े को ही दूध पिलाया जाता है। गुजरात में इस व्रत को बोल चौथ के नाम से किया जाता है।

गणेशजी लक्ष्मीजी की पूजा साथ-साथ
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक अनीष व्यास ने बताया कि संकष्टी चतुर्थी इस बार विशेष संयोग में पड़ रही है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ शुक्रवार का शुभ संयोग भी पड़ रहा है। सर्वार्थ सिद्धि योग में गणेशजी की पूजा करने से आपके कार्यों में आ रही सभी प्रकार की अड़चनें समाप्त होती हैं और शुक्रवार का दिन होने से इस दिन गणेशजी की पूजा के साथ लक्ष्मीजी की पूजा का भी महत्व काफी बढ़ जाता है।

संकष्टी चतुर्थी का महत्व 
पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहते हैं और अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी कहते हैं। संकष्टी चतुर्थी को भगवान गणपति की आराधना करके विशेष वरदान प्राप्त किया जा सकता है। इस दिन व्रत रखने से पारिवारिक कलेश भी खत्म हो जाते हैं। यदि किसी जातक के जीवन में लगातार परेशानियां आ रही हैं तो उसे संकष्टी चतुर्थी के दिन शक्कर मिली दही में छाया देखकर भगवान गणेश को अर्पित करनी चाहिए। इससे रुके हुए काम बन जाते हैं। गणेशजी को इस दिन दुर्वा चढ़ानी चाहिए। दुर्वा में अमृत का वास माना जाता है। गणेश जी को दुर्वा अर्पित करने से स्वास्थ का लाभ मिलता है।

पूजा विधि
संकष्टी चतुर्थी के दिन सबसे पहले सुबह उठें और स्नान करें। इसके बाद इस दिन लाल रंग के कपड़े पहनकर पूजा करनी चाहिए। भगवान गणेश की पूजा करते समय अपना मुंह पूर्व या उत्तर दिशा की ओर रखें। सकंष्टी चतुर्थी पर भगवान गणेश को स्वच्छ आसन पर विराजित करें। भगवान गणेश की प्रतिमा के आगे धूप-दीप प्रज्जवलित करें। ॐ गणेशाय नमः या ॐ गं गणपते नमः का जाप करें। पूजा के बाद भगवान को लड्डू या तिल से बने मिष्ठान का भोग लगाएं। शाम को व्रत कथा पढ़कर चांद देखकर अपना व्रत खोलें।अपना व्रत पूरा करने के बाद दान करें।

भगवान गणेश को ये चीजें जरूर चढ़ाएं 
शास्त्रों में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले की जाती है। गणेश को दूर्वा (घास) बहुत प्रिय है इसलिए संकष्टी चतुर्थी के दिन उन्हें दूर्वा जरूर अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने से जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। संकष्टी चतुर्थी के दिन विधि-विधान से भगवान गणेश की पूजा करें और उनके समक्ष घी का दीपक जरूर जलाएं। ऐसा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। संकष्टी चतुर्थी के दिन साबूत हल्दी की गांठ गणपति महाराज को चढ़ाने से वर्तमान में चल रही सारी परेशानी दूर हो जाती है।

गणेश मंत्र
भगवान गणेश को विध्नहर्ता माना गया है। बुद्धि के देवता भगवान गणेश की पूजा किसी भी शुभ कार्य में सबसे पहले की जाती है। भगवान गणेश के मंत्र ॐ गं गणपतये नम: के प्रतिदिन जाप करने से आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक परेशानियों से छुटकारा मिलता है।

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