Chaitra Navratri 2019: नवरात्रि का आज पांचवां दिन, मां स्कंदमाता को इस मंत्र से करें खुश, जल्द होगी संतान की प्राप्ति

By उस्मान | Published: April 10, 2019 07:24 AM2019-04-10T07:24:36+5:302019-04-10T07:24:36+5:30

chaitra navratri 2019: पुराणों में बताया गया है कि स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। मान्यता है कि इनकी साधना करने से भक्त अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है।

chaitra navratri 2019: fifth day of navratri maa sakandmata devi vrat katha and mantra vrat benefits in hindi | Chaitra Navratri 2019: नवरात्रि का आज पांचवां दिन, मां स्कंदमाता को इस मंत्र से करें खुश, जल्द होगी संतान की प्राप्ति

फोटो- पिक्साबे

आदि देवी मां दुर्गा के पवित्र नवरात्रि का पांचवा दिन आज यानी 10 अप्रैल को है। नवरात्रि के नौ दिनों में लोग ना केवल मां दुर्गा की पूजा करते हैं बल्कि उपवास भी रखते हैं। नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। बताया जाता है कि भगवान स्कंद कुमार कार्तिकेय नाम से भी जाने जाती हैं। पुराणों में इन्हें शक्ति और कुमार कहकर भी बुलाया गया है। 

ऐसा है मां का स्वरूप

पुराणों से पता चलता है कि मां की चार भुजाएं हैं और दाहिनी तरफ की नीचे वाली भुजा पर कमल पुष्प है। वहीं बाईं तरफ से ऊपर वाली भुजा में वरमुद्रा में तथा नीच वाली भुजा जो ऊपर की ओर उठी है उसमें कमल पुष्प है। मान्यता है कि स्कंदमाता कमल के आसन पर विराजमान रहती है जिस कारण से इन्हें पद्मासना देवी भी कहा जाता है। सिंह यानी शेर पर सवार रहती हैं। 

संतान प्राप्त हेतु मां की होती है पूजा

देवी शक्ति के पांचवे स्वरूप स्कंदमाता की अलसी औषधी के रूप में भी पूजा होती है। मान्यता है कि नवरात्रि के दिन मां के इस रूप की पूजा करने से संतान की प्राप्ति होती है। साथ ही माता के अलसी औषधि के सेवन से वात, पित्त, कफ जैसे मौसमी रोग भी दूर हो जाते हैं। मान्यता तो ये भी है कि नवरात्रि में मां स्कंदमाता की अराधना के बाद उनपर अलसी चढ़ाने से भी सारे कष्ट दूर हो जाते हैं। 

केले का चढ़ावा

बताया गया है कि मां को केले का भोग लगाने से सफलता प्राप्त होती है। आप नवरात्रि के पांचवे दिन मां स्कंदमाता को केले का भोग लगा सकते हैं। साथ ही आप चाहें तो केसर डालकर खीर बना लें और इसका प्रसाद भी चढ़ा सकते हैं। मां के श्रृंगार के लिए खूबसूरत रंगों का इस्तेमाल किया जाता है। पूजा में कुमकुम, अक्षत से पूजा करें। चंदन लगाएं। तुलसी माता के सामने दीपक जलाएं। पीले रंग के कपड़े पहनें।

इस मंत्र का करें जाप

पुराणों में बताया जाता है कि स्कंदमाता सूर्यमंडल की अधिष्ठात्री देवी हैं। मान्यता है कि इनकी साधना करने से भक्त अलौकिक तेज की प्राप्ति होती है। उनकी पूजा के लिए एक खास मंत्र की जाप का जाप किया जाता है। 

सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥

आप भी इस मंत्र से स्कंदमाता की पूजा-अर्चना कर सकते हैं।

Web Title: chaitra navratri 2019: fifth day of navratri maa sakandmata devi vrat katha and mantra vrat benefits in hindi

पूजा पाठ से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे