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पूजा करने के बाद जरूर बजाएं शंख, होते हैं ये 7 कमाल के फायदे

By मेघना वर्मा | Updated: November 25, 2019 12:08 IST

सनातन धर्म में शंख को सिर्फ आध्यात्मिक रूप से ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण बताया गया है। शंख का सही इस्तेमाल करने से और इसे सही तरीके से बजाने से आपकी कई तरीके के फायदे हो सकते हैं।

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ठळक मुद्देहिन्दू धर्म में पूजा के बाद शंख बजाने को शुभ माना जाता है। शंख को मां लक्ष्मी का भाई माना जाता है।

हिन्दू धर्म में शंख को भगवान विष्णु से जोड़ा गया है। सिर्फ यही नहीं किसी भी पूजा के बाद शंख बजाने की प्रथा भी सदियों से चली  आ रही है। देश के लगभग हर हिस्से में शंख को पूजाघरों में ना सिर्फ रखा जाता है बल्कि इसे पूजा के बाद बजाया भी जाता है। आध्यात्मिक दृष्टी से भले ही शंख बेहद उपयोगी हो मगर इसके कई और भी फायदे होते हैं। 

सनातन धर्म में शंख को सिर्फ आध्यात्मिक रूप से ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टी से भी महत्वपूर्ण बताया गया है। शंख का सही इस्तेमाल करने से और इसे सही तरीके से बजाने से आपकी कई तरीके के फायदे हो सकते हैं। आइए आपको बताते हैं शंख को बजाने के क्या-क्या होते हैं फायदे।

शंख बजाने के होते हैं ये 7 फायदे

1. माना जाता है कि शंख जिस घर में बजता है वहां लक्ष्मी का वास होता है। धार्मिक गंथ्रों में शंख को लक्ष्मी का भाई बताया जाता है। शंख की उत्पत्ती सागर से हुई थी। शंख की गिनती समुद्र मंथन से निकले 14 रत्नों में की जाती है। 

2. शंख की आवाज को बेहद शुभ माना जाता है। कहते हैं पूजा पाठ के बाद शंख बजाने से वातावरण पवित्र हो जाता है। माना ये भी जाता है कि जहां शंख की आवाज होती है इसे सुनकर लोगों के मन में सकारात्मक विचार पैदा होते हैं। 

3. शंख की आवाज लोगों को पूजा-अर्चना के लिए प्रेरित करती है। मान्यता है कि शंख की पूजा करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं। साथ ही इससे दुष्ट आत्माएं पास नहीं भटकतीं।

4. साइंस की दृष्टी से देखें तो वैज्ञानिकों का मानना है कि शंख की आवाज से वातारवरण में मौजूद कई तरह के जीवाणु और कीटाणु नष्ट हो जाते हैं। कई टेस्ट से इस तरह के नतीजे मिले हैं। 

5. आयुर्वेद के मुताबिक, शंखोदक के भस्म के उपयोग से पेट की बीमारियां भी खत्म हो जाती हैं। इसमें पथरी, पीलिया और कई तरह की बीमारियां भी शामिल हैं। इसका उपयोग एक्सपर्ट वैद्य की सलाह से ही किया जाना चाहिए।

6. शंख बजाने से फेफड़े का व्यायाम होता है। पुराणों में भी इसका जिक्र मिलता है कि अगर श्वास का रोगी नियमित तौर पर शंख बजाए, तो इस बीमारी से उसे मुक्ति मिल सकती हैं।

7.वास्तुशास्त्र के मुताबिक भी शंख में ऐसे कई गुण होते हैं जिससे घर में पॉजिटिव एनर्जी आती है। शंख की आवाज से सोई हुई भूमि भी जागकर शुभ फल देती है। 

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