अमरनाथ यात्रा: श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से हिमलिंग पिघलने का मंडराया खतरा

By सुरेश एस डुग्गर | Published: July 18, 2023 04:39 PM2023-07-18T16:39:50+5:302023-07-18T16:40:44+5:30

इस साल हिमलिंग 18 फुट के करीब बने हैं। जो कि पिछले साल से ज्यादा है। साल 2018 में हिमलिंग की ऊंचाई 15 फीट थी।

Amarnath Yatra The threat of Himling melting due to increasing number of devotees | अमरनाथ यात्रा: श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से हिमलिंग पिघलने का मंडराया खतरा

फोटो क्रेडिट- फाइल फोटो

श्रीनगर: अमरनाथ यात्रा में श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या ने हिमलिंग के अस्तित्व के लिए खतरा बढ़ा दिया है क्योंकि इससे हिमलिंग के वक्त से पहले गायब होने की आशंका है।

कई सालों से ऐसा देखने को मिल चुका है कि श्रद्धालुओं की बढ़ती संख्या से हिमलिंग समय से पहले भक्तों की सांसों के कारण लुप्त हो गए।

30 जून से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा में अब तक करीब पौने तीन लाख भक्त भोलेनाथ के दर्शन कर चुके हैं। ये आंकड़ा पिछले साल के मुकाबले 29 हजार अधिक है। लेकिन अब बढ़ती संख्या को हिमलिंग के लिए खतरे के तौर पर लिया जा रहा है।

हालांकि इस साल हिमलिंग 18 फुट के करीब बने हैं। जो कि पिछले साल से ज्यादा है। साल 2018 में हिमलिंग की ऊंचाई 15 फीट थी। इस साल हिमलिंग के दर्शन के लिए अभी तक पिछले वर्ष से ज्यादा श्रद्धालु पहुंचे हैं। मगर भक्तों की बढ़ती भीड़ से हिमलिंग के जल्दी पिघलने का खतरा बढ़ गया है। इससे ग्लोबल वार्मिंग के बढ़ने की भी आशंका है।

विशेषज्ञों के मुताबिक अमरनाथ ग्लेशियरों से घिरा है। ऐसे में ज्यादा लोगों के वहां पहुंचने से तापमान के बढ़ने की आशंका होगी। इससे ग्लेशियर जल्दी पिघलेंगे। साल 2016 में भी भक्तों की ज्यादा भीड़ के अमरनाथ पहुंचने से हिमलिंग तेजी से पिघल गया था।

आंकड़ों के मुताबिक उस वर्ष यात्रा के महज 10 दिन में ही हिमलिंग पिघलकर डेढ़ फीट के रह गए थे। तब तक महज 40 हजार भक्तों ने ही दर्शन किए थे।

साल 2016 में प्राकृतिक बर्फ से बनने वाला हिमलिंग 10 फीट का था। जो अमरनाथ यात्रा के शुरूआती सप्ताह में ही आधे से ज्यादा पिघल गया था। ऐसे में यात्रा के शेष 15 दिनों में दर्शन करने वाले श्रद्धालु हिमलिंग के साक्षात दर्शन नहीं कर सके थे।

साल 2013 में भी अमरनाथ यात्रा के दौरान हिमलिंग की ऊंचाई कम थी। उस वर्ष हिमलिंग महज 14 फुट के थे। लगातार बढ़ते तापमान के चलते वे अमरनाथ यात्रा के पूरे होने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे। मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार साल 2013 में हिमलिंग के तेजी से पिघलने का कारण तापमान में वृद्धि था। उस वक्त पारा 34 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच गया था।

साल 2018 में भी बाबा बर्फानी के तेजी से पिघलने का सिलसिला जारी था। तब 28 जून से शुरू हुई 60 दिवसीय इस यात्रा में एक महीने बीतने पर करीब दो लाख 30 हजार यात्रियों ने दर्शन किए थे। मगर इसके बाद दर्शन करने वाले श्रद्धालुओं का बाबा बर्फानी के साक्षात दर्शन नहीं हुए। बाबा दर्शन देने से पहले ही अंतरध्यान हो गए थे।

Web Title: Amarnath Yatra The threat of Himling melting due to increasing number of devotees

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