किसी की भी जिंदगी में शादी सबसे बड़ा फैसला होता है। शादी के बाद सिर्फ लड़की ही नहीं लड़कों की भी जिंदगी बदल जाती है। शादी के बाद बहुत सारी नई जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। कई लोग ऐसे होते हैं कि शादी के बाद उनकी जिंदगी और खुशनुमा होती है मगर कई लोगों की शादी के बाद उनके बीच विवाद बढ़ने लगते हैं।
कई बार इंसान के आकर्षण के पीछे हम बाकी सारी चीजें छोड़ देते हैं और उससे शादी कर लेते हैं। हम उस इंसान के अंदरूनी चीजों को समझ भी नहीं पाते। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में एक ऐसा ही श्लोक बताया है जिसके माध्यम से बताया गया है कि शादी या प्रेम से पहले अपने पार्टनर में कुछ बातों को जरूर परख लेना चाहिए।
चाणक्य कहते हैं-
वरयेत् कुलजां प्राज्ञो विरूपामपि कन्यकाम्।
रूपशीलां न नीचस्य विवाह: सदृशे कुले।।
1. इस श्लोक के मुताबिक चाणक्य नीति के इस श्लोक में बताया गया है कि इंसान को विवाह से पहले पार्टनर चुनते समय उसके शरीर के बजाय गुणों को देखना चाहिए।
2. पुरुषों को सुंदर स्त्री के पीछे नहीं भागना चाहिए। चाणक्य के अनुसार पत्नी अगर गुणवान हो तो विपत्ती के समय भी परिवार संभाले रखती है।
3. चाणक्य के अनुसार एक स्त्री में बाहरी सुंदरता से ज्यादा मन की सुंदरता होनी चाहिए। साथ ही उसमें धैर्य होना चाहिए।
4. चाणक्य के अनुसार धर्म-कर्म में विश्वास रखने वाला इंसान मर्यादित होता है। इसलिए विवाह से पहले ये जान लेना चाहिए कि उन्हें धर्म-कर्म में कितनी आस्था है।
5. गुस्सा सबसे बड़ा दुश्मन होता है। चाणक्य का कहना है कि जिस स्त्री को बहुत गुस्सा आता हो वो परिवार को कभी सुखी नहीं रख सकती।