क्यों जरूरी है दूसरा बच्चा? जानें 8 बड़े कारण
By गुलनीत कौर | Published: April 21, 2018 02:23 PM2018-04-21T14:23:43+5:302018-04-21T14:23:43+5:30
सिबलिंग एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते हैं। एक-दूजे का आत्मविश्वास बनाए रखने की हर कोशिश करते हैं।
बॉलीवुड में हमेशा से ही चॉकलेटी बॉय और फिर पापा बनने के बाद क्यूट एंड कूल डैडी के टाइटल से प्रसिद्ध शाहिद कपूर ने दूसरी बार अपने पापा बनने की खबर को सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर किया है। इन्स्टाग्राम पोस्ट पर शाहिद ने बेटी 'मीशा' की एक क्यूट तस्वीर शेयर की है। तस्वीर में मीशा को 'बिग सिस्टर' यानी बड़ी बहन कहा है। इस बात से उन्होंने यह जाहिर कर दिया है कि उनकी पत्नी मीरा राजपूत प्रेग्नेंट है और जल्द ही वे दोनों दोबारा से माता-पिता बनने वाले हैं। शाहिद की बेटी मीशा का जन्म 26 अगस्त 2016 में हुआ था। और अब मीशा के बाद शाहिद के घर दूसरा बेबी आने वाला है।
आजकल लोग महंगाई और नया कई कारणों के चलते 'वन बेबी' यानी के ही बच्चा प्लान करने की सोचते हैं। लेकिन वहीं कुछ लोग एक से अधिक बेबी प्लान करने पर जोर देते हैं। उनकी राय में भाई-बहन का रिश्ता जरूरी है। सिबलिंग यानी भाई-भाई, बहन-बहन या एक भाई और एक बहन जरूर होने चाहिए। लेकिन सिबलिंग क्यों है जरूरी, आइए जानते हैं 8 बड़े कारण:
1. करीबी दोस्त: बचपन से लेकर जवानी और बुढ़ापे तक आपको एक दोस्त मिल जाता है या जाती है। दो भाई हों, दो बहनें हों या फिर भाई और बहन हों, बचपन की शरारतों से लेकर जवानी में एक-दूसरे की ताकत बनना और फिर बुढ़ापे में सहारा देना। यह सभी सिबलिंग ही करते हैं।
2. बातें शेयर करना: जो बातें हम शायद अपने दोस्तों के साथ भी शेयर ना करे सकने, वह हम अपने सिबलिंग के साथ कर लेते हैं। क्योंकि जन्म से ही साथ होने के कारण वे आपको बेहतर समझते हैं।
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3. सीक्रेट रखते हैं: सिबलिंग एक दूसरे के कई सीक्रेट जानते हैं और उन्हें राज ही रखने की वादा भी करते हैं। एक दूसरे के प्रति विश्वसनीय होना इन्हें आता है।
4. हेल्थ के लिए सही है: बचपन से ही सिबलिंग के बीच एक ऐसा गहरा रिश्ता बन जाता है जिसके कारण वे एक दूसरे की भावनाओं को समझते हैं। इस इमोशनल सपोर्ट का दोनों की हेल्थ पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
5. साथ में ग्रो करना: उम्र के साथ दोनों मिलकर नई चीजें सीखते हैं, दोनों में से कोई एक अगर अधिक समझदार या इंटेलीजेंट हो तो वह दूसरे को भी आगे बढ़ने की सीख देता है।
6. आत्मविश्वास: कोई बाहर का करे या ना करे, माता-पिता भी अगर खिलाफ हो जाएं, लेकिन सिबलिंग एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ते हैं। एक-दूजे का आत्मविश्वास बनाए रखने की हर कोशिश करते हैं।
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7. कॉमन बातें: बचपन से साथ ही रहने से दोनों की कई सारे एबातें मेल खाती हैं, जैसे कि कहानी की चीजों में समानता, कपड़ों, रंगों, पसंदीदा टीवी शो, घूमने की जगहें, आदि में समानता मिल जाती है। इसके चलते भी दोनों में दोस्ती का पक्का रिश्ता बन जाता है।
8. और यादें: जो वक्त बचपन से बड़े होने तक और फिर बुढ़ापे में आने तक दोनों ने एक दूसरे के साथ गुजारा है, वह जिन्दगी भर यादों की तरह साथ रहता है। जीवन में आगे बढ़ जाने पर साथ रहे या ना रहें, वो यादें मीठे एखुश्बू की तरह साथ निभाती हैं।