Rajasthan Exit Poll Results 2023: बीती 26 नवंबर को राज्य में वोट पड़ डाले गए थे और वहीं करीब 199 सीटों पर उम्मीदवारों के भविष्य को लेकर चाभी लॉक हो गई थी। अब लगभग सभी जगह एग्जिट पोल आ गए हैं। इसमें सबसे पहले आजतक ने बताया कि भाजपा को 80-100 सीटों मिल रही है, वहीं कांग्रेस 86 से 106 सीटें मिलने की बात कही जा रही है। इसका मतलब यह है कि कहीं न कहीं गहलोत सरकार की सात गारंटी काम कर गई है। लेकिन, निर्दलीय उम्मीदवार भी इस बार के चुनाव में बड़ा दमखम दिखाते हुए सामने आ सकते हैं।
जहां, बाड़मेर की शिव सीट की ही बात कर लें तो वहां पर भाजपा से बागी हुए अमीन खान भी खेल बिगाड़ सकते हैं। इस बार भाजपा ने शिव से स्वरूप सिंह खारा को टिकट दिया। लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार रवींद्र सिंह भाटी का मैदान में खड़े हो जाने से गणित बदलता दिख रहा है।
टुडे चाण्क्य के मुताबिक, राजस्थान में भाजपा की सरकार नहीं बन रही है, लेकिन कांग्रेस को 101+ सीटों के आधार पर सरकार बना सकती है। जबकि निर्दलीय 9 सीटों पर विजयी होते दिख रहे हैं। भाजपा को बहुमत से कम यानी 89-100 सीटें मिलने जा रही हैं।
चंद्रभान सिंह आक्या को चित्तौड़गढ़ विधानसभा से भाजपा ने टिकट न देकर उनकी जगह नरपत सिंह राजवी को थमाया था, इस बात से नाराज हुए आक्या ने 8 नवंबर को पार्टी से 35 कार्यकर्ताओं के साथ इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने यह तक ऐलान कर दिया था कि भाजपा की ओर से जो भी उम्मीदवार मैदान में होगा उसे हराने का काम करेंगे।
ललनटॉप के मुताबकि, आक्या पहले वसुंधरा राजे गुट के नेता हुआ करते थे। लेकिन, मोदी सरकार की हवा ऐसी चली कि उन्होंने गुट बदलते हुए राजेंद्र राठोड़ का हाथ थाम लिया था। लेकिन, जब 2023 विधानसभा चुनाव के लिये नामों की बात आई तो, राजेंद्र राठौड़ ने उनकी पैरवी नहीं की। अब वो इस समय प्रेशर कूकर चुनाव चिन्ह के आधार पर चुनाव लड़ रहे हैं।
आक्या और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के बीच अदावत बहुत पुरानी है, जब दोनों पीजी कॉलेज, चित्तौड़गढ़ में एक साथ पढ़ते थे। उस समय एनएसयूआई में सीपी जोशी थे और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में चंद्रभान सिंह आक्या थे।