Rajasthan Assembly Election 2023: राजस्थान विधानसभा चुनाव इस साल होने को है। इस बीच राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुन्धरा राजे का साइडलाइन किया जा रहा है! भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने दो समिति की घोषणा की है और पूर्व सीएम का नाम नहीं हैं।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने राज्य में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए बृहस्पतिवार को यहां दो महत्वपूर्ण समितियों, चुनाव प्रबंधन समिति व संकल्प (घोषणा) पत्र समिति की घोषणा की। इन दोनों ही समितियों में पूर्व मुख्यमंत्री व पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं है।
राजे की भूमिका के बारे में पूछे गए प्रश्न को प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने यह कहकर टाल दिया कि 'बाकी सभी वरिष्ठ नेता प्रचार करेंगे।' बाद में, पार्टी ने जयपुर में विशेष सदस्यता अभियान की शुरुआत की और पार्टी की 'कोर कमेटी' की बैठक भी हुई, लेकिन राजे इन दोनों कार्यक्रमों में शामिल नहीं हुईं।
पार्टी की नवगठित समितियों में जगह नहीं बना पाने वाले पार्टी नेताओं में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत भी हैं। राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। हालांकि, पार्टी ने इन दोनों ही महत्वपूर्ण समितियों में पूर्व मुख्यमंत्री राजे को नहीं रखकर सबको चौंका दिया है।
राजे को इन समितियों में शामिल नहीं किए जाने पर भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने कहा, ‘‘बाकी सभी वरिष्ठ नेता प्रचार करेंगे।’’ उन्होंने बाद में इस बारे में यह भी कहा,‘‘पार्टी के अनेक कार्यकर्ताओं को अलग अलग जिम्मेदारी दी जाती है और सबको जिम्मेदारी पार्टी देगी।’’ सिंह ने कहा कि राजे पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। उन्हें बड़ी भूमिका निभानी है।
वे दो बार राज्य की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। वे चुनाव प्रचार करेंगी। हम सभी उनका सम्मान करते हैं। उन्होंने कहा कि चुनाव प्रबंधन समिति में अनुभवी नेता हैं और वे दिन-प्रतिदिन चुनाव प्रबंधन की देखभाल करेंगे। सिंह ने यह भी कहा कि चुनाव घोषणा पत्र समिति में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग समेत सभी वर्गों का प्रतिनिधित्व है ताकि उनकी अपेक्षाओं को घोषणा पत्र में शामिल किया जा सके। भाजपा के राज्य चुनाव प्रभारी और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि पार्टी के राज्य और केंद्रीय नेता इन महत्वपूर्ण चुनावों के लिए प्रचार करेंगे।
अरुण सिंह ने बताया कि पार्टी सितंबर महीने में राज्य में चार 'परिवर्तन यात्राएं' निकालेगी, जिसका नेतृत्व अलग-अलग नेता करेंगे। उन्होंने कहा,‘‘हमारी रणनीति तैयार है। मुझे पूरा विश्वास है कि लोग भाजपा को जनादेश देंगे और हमें ऐतिहासिक जीत मिलेगी।' समितियों की घोषणा के बाद पार्टी ने जयपुर के वैशाली नगर स्थित खंडेलवाल सभा भवन में विशेष सदस्यता अभियान शुरू किया।
इसमें प्रह्लाद जोशी, अरुण सिंह, सीपी जोशी और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, कैलाश चौधरी, राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर, राष्ट्रीय प्रवक्ता समेत अन्य नेता मौजूद रहे। बाद में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में पार्टी की 'कोर कमेटी' की बैठक हुई जिसमें सदस्यों ने संगठनात्मक और चुनाव संबंधी मुद्दों पर चर्चा की। इसमें राजे मौजूद नहीं थीं।
इससे पहले पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी व प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह ने समितियों की घोषणा करते हुए कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा के निर्देशानुसार इन समितियों की घोषणा की गई है और उन्होंने उम्मीद जताई कि आने वाले चुनाव में दोनों समितियों के सदस्यों के अनुभव का लाभ प्रदेश को मिलेगा।
इसके तहत घोषणा पत्र समिति की कमान केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल को जबकि चुनाव प्रबंधन समिति की कमान पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को दी गई है। जोशी ने कहा कि पार्टी की 'प्रदेश संकल्प पत्र समिति' के संयोजक केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल होंगे।
इस 25 सदस्यीय समिति में राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी व किरोड़ी लाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री अल्का सिंह गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी तथा राखी राठौड़ को सह संयोजक बनाया गया है। वहीं प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष व पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को बनाया गया है।
इस समिति में 25 सदस्य हैं। इसमें पार्टी के पूर्व प्रदेश महामंत्री ओंकार सिंह लखावत, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजनलाल, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, पूर्व सूचना आयुक्त सीएम मीणा (सह संयोजक) व कन्हैया लाल बैरवाल (सह संयोजक) होंगे।
(इनपुट एजेंसी)