जयपुर: राजस्थान विधानसभा चुनाव में सत्ताधारी कांग्रेस पार्टी के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोबारा जनादेश पाने के लिए न केवल विपक्षी दल भाजपा के खिलाफ कड़ी मशक्कत कर रहे हैं, बल्कि पार्टी में भी भीतरखाने सचिन पायलट खेमे से भी जूझ रहे हैं।
यही कारण है कि जनता से दोबारा सत्ता की गद्दी मांग रहे अशोक गहलोत ने पार्टी के भीतर अपने प्रमुख विरोधी सचिन पायलट पर परोक्ष रूप से तंज किया है। समाचार वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार मुख्यमंत्री गहलोत ने दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए कहा कि वह मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहते हैं, लेकिन वो पद ही उन्हें नहीं छोड़ता है।
सीएम गहलोत ने कहा कि एक महिला समर्थक ने एक बार उनसे कहा था कि वह चाहती हैं कि वह चौथी बार मुख्यमंत्री बनें। गहलोत ने कहा, "मैंने उनसे कहा कि मैं मुख्यमंत्री पद छोड़ना चाहता हूं लेकिन यह पद मुझे जाने नहीं दे रहा है।"
मुख्यमंत्री गहलोत के इस व्यंग्य में कहीं न कहीं राजस्थान कांग्रेस के भीतर गहलोत बनाम पायलट की लड़ाई का मुद्दा केंद्र में है। मुख्यमंत्री ने इस विनोद बयान से सीधे तौर पर पार्टी के भीतर मौजूद सचिन पायलट खेमे पर निशाना साधा है।
दरअसल साल 2020 में सत्ता की चाहत में सचिन पायलट ने परोक्ष विद्रोह करते हुए गहलोत सरकार को गिराने का प्रयास किया था लेकिन कांग्रेस नेतृत्व के समझाने पर पायलट ने अपने कदम पीछे खिंच लिये थे।
अशोक गहलोत ने सचिन पायलट पर परोक्ष व्यंग्य करते हुए कहा, "मुझमें कुछ तो बात होगी जिसके कारण पार्टी आलाकमान ने मुझे राज्य का नेतृत्व करने के लिए तीन बार चुना है लेकिन इस मामले में एक बात तो साफ है कि पार्टी आलाकमान द्वारा लिया गया कोई भी निर्णय सभी को स्वीकार्य होगा।"
सीएम गहलोत ने कांग्रेस द्वारा उम्मीदवारों की सूची न जाने के सवाल पर भाजपा को घेरते हुए कहा, "हमारे विपक्षी में खड़ी भाजपा केवल इसी बात से परेशान है। वे परेशान हैं क्योंकि हम आपस में नहीं लड़ रहे हैं। पार्टी में सभी निर्णय सभी की सलाह पर लिये जा रहे हैं। मैं सचिन पायलट के समर्थकों से भी बात कर रहा हूं, उनके पक्ष में निर्णय भी ले रहा हूं। यही कारण है कि भाजपा खुश नहीं है।"
मुख्यमंत्री गहलोत के इस बयान से पहले सचिन पायलट ने कहा था कि वह राजस्थान में भाजपा को हराकर सत्ता में वापसी के लिए आश्वस्त है।