संसद के मानसून सत्र में वर्चुअल उपस्थिति पर होगा जोर, सदस्यों के बीच होगी 6 फुट की दूरी
By नितिन अग्रवाल | Updated: July 9, 2020 09:01 IST2020-07-09T08:59:42+5:302020-07-09T09:01:02+5:30
कामकाज के लिए कागज और दस्तावेजों की जगह डिजिटल कॉपियों के इस्तेमाल पर जोर दिया जाएगा.

मीडिया गैलरी में भी सामाजिक दूरी के नियम की पालना सुनिश्चित करने का फैसला किया गया.
कोविड-19 के साए में होने वाले मानसून सत्र के दौरान संसद के कामकाज के तौर-तरीके पर इसकी छाप नजर आने वाली है. सांसदों की वर्चुअल उपस्थिति पर जोर के साथ हर जगह सुरक्षित दूरी के नियम का पालन किया जाएगा. इसके लिए सदस्यों के बैठने से लेकर कार्रवाई तक के तौर-तरीकों में बड़े बदलाव नजर आएंगे. बदले माहौल में संसद के उच्च सदन की सुचारू कार्रावाई की तैयारियों में जुटे उपराष्ट्रपति एम. वैंकेया नायडू ने बुधवार को राज्यसभा के महासचिव तथा दूसरे वरिष्ठ अधिकारियों ने इस मुद्दे पर मंथन किया.
नायडू ने महामारी के खतरे के चलते सदन की कार्रवाई में किए जाने वाले बदलावों को लेकर जरूरी दिशानिर्देश दिए. सूत्रों के अनुसार इस बार संसद सदस्यों की वर्चुअल भागीदारी पर जोर दिया जाएगा. इसे किस तरह अमल में लाया जाएगा इस पर अंतिम फैसला लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला के साथ होने वाली बैठक में किया जा सकता है.
इससे पहले पिछले सप्ताह हुई बैठक में नायडू ने राज्यसभा सदस्यों की वर्चुअल भागीदारी के लिए चेम्बरों, दीर्घाओं और संसद परिसर मेें दूसरे स्थानों पर सदस्यों के बैठने की बात तय की थी. मीडिया गैलरी में सुरक्षित दूरी आज की बैठक में मीडिया गैलरी को लेकर भी चर्चा हुई. वहां भी सुरक्षित दूरी के नियम को लागू करने की बात तय की गई. इसके लिए नायडू ने नए नियम तय करने और इन नियमों के चलते मीडिया गैलरी तक नहीं पहुंच पाने वालों के लिए सदन की कार्यवाही को निर्बाध रूप से देखने का इंतजाम करने के निर्देश दिए. माना जा रहा है कि इसके लिए अलग से बड़ी स्क्रीन का इंतजाम किया जाएगा जिस पर सदन की कार्रवाई का सीधा प्रसारण देखा जा सकता है.
उपसभापति चुनाव पर चर्चा
नायडू ने राज्यसभा के उपसभापति के पद के लिए होने वाले चुनाव के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रिया पर भी चर्चा की. इसे जदयू नेता हरिवंश का कार्यकाल खत्म होने के बाद भरा जाना है. इसके साथ ही उन्होंने बेनी प्रसाद वर्मा और वीरेंद्र कुमार के निधन और शरद यादव को अयोग्य ठहराने के चलते खाली हुई तीन सीटों का भी संज्ञान लिया. इसके अतिरिक्त संसद की स्थाई समितियों की बैठकों को लेकर भी चर्चा हुई.