राज्य सभा में कांग्रेस सांसद गुलाम नबी आजाद समेत चार सदस्यों की विदाई हो रही है। इस मौके पर विदाई भाषण के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी ने गुलाम नबी आजादी की तारीफ में कसीदे गढ़ें और भावुक हो गए।
पीएम मोदी ने जम्मू-कश्मीर में एक आतंकी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि कैसे गुलाम नबी आजाद ने उन्हें सबसे पहले फोन किया था। पीएम मोदी ने बताया कि उस समय वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
पीएम मोदी के अनुसार जब गुजरात के यात्रियों पर आतंकियों ने हमला किया तो गुलाम नबी आजाद ने उन्हें फोन किया। वो फोन केवल सूचना देने के लिए नहीं था लेकिन गुलाम नबी आजाद फोन पर ही बहुत रो रहे थे।
पीएम मोदी ने कहा, 'एक बार आतंकियों ने हमला कर दिया, करीब आठ लोग मारे गए थे। सबसे पहले मुझे गुलाम नबी का फोन आया। और वो फोन सिर्फ सूचना देने का नहीं था, उनके आंसू रुक नहीं रहे थे। फोन पर ही। उस समय प्रणब मुखर्जी जी रक्षा मंत्री थे। मैंने उनको फोन किया कि अगर फोर्स का हवाई जहाज मिल जाए डेड बॉडी लाने के लिए। रात देर हो गई थी। उन्होंने कहा चिंता मत कीजिए। लेकिन रात में फिर गुलाम नबी जी का फोन आया। वे एयरपोर्ट पर थे।'
इतना कहते हुए पीएम भावुक हो गए। पीएम मोदी ने इसके बाद पानी पीया और फिर रुंधे गले से भाषण पूरा किया।
पीएम मोदी ने कहा, 'गुलाम नबी आजाद जी के बाद इस पद को जो संभालेंगे उनके सामने गुलाम नबी के काम के बराबर खुद को रखने में चुनौती महसूस होगी। ऐसा इसलिए क्योंकि गुलाम नबी जी न केवल अपने दल की चिंता करते थे। साथ ही देश और सदन की भी उतनी ही चिंता करते थे। ये छोटी बात नहीं है।'
बता दें कि राज्यसभा से गुलाम नबी आजाद समेत मीर मोहम्मद, शमशेर सिंह और नाजिर अहमद की विदाई हो रही है। पीएम मोदी ने कहा कि जो सदस्य आज विदाई ले रहे हैं, उनके लिए हमेशा उनके द्वार खुले हैं।