नई दिल्ली: मोदी सरकार द्वारा टिकटॉक सहित 59 चीनी एप पर प्रतिबंध लगाए जाने को लेकर लोग अलग-अलग तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। ऐसे में एक्टर रहीं तृणमूल कांग्रेस की सांसद नुसरत जहां ने भी इसे लेकर प्रतिक्रिया व्यक्त की है। नुसरत जहां ने टिक टॉक बैन करने के सरकार फैसले पर सवाल खड़े किए हैं। नुसरत जहां ने बुधवार को कहा, 'टिक टॉक एक मनोरंजन ऐप है। यह आवेग में लिया गया फैसला है। रणनीतिक योजना क्या है? उन लोगों का क्या जो बेरोज़गार होंगे? लोगों को नोटबंदी की तरह इसे भी झेलना पड़ेगा। मुझे बैन से कोई दिक्कत नहीं क्योंकि ये राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए है। लेकिन इन सवालों का जवाब कौन देगा?
बता दें कि नुसरत जहां ने ये बातें तब कहीं जब वह उल्टा रथ यात्रा जश्न में शामिल होंगे को कोलकाता स्थित इस्कॉन मंदिर पहुंची थीं। इसी दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब देते हुए ये बातें कहीं।
भारत ने टिकटॉक, यूसी ब्राउजर सहित 59 मोबाइल एप पर प्रतिबंध लगाया
मोदी सरकार ने सोमवार को टिकटॉक और यूसी ब्राउज़र, क्लब फैक्ट्री समेत 59 चीनी ऐप पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने इन ऐप्स को सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक बताया है। सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रासंगिक प्रावधानों (प्रक्रिया और सुरक्षा उपायों को सार्वजनिक द्वारा सूचना के उपयोग को अवरुद्ध करने के लिए) 2009 के नियमों और खतरों को देखते हुए यह निर्णय लिया है।
सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 69 ए के तहत सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के प्रासंगिक प्रावधानों (प्रक्रिया और सुरक्षा उपायों को सार्वजनिक द्वारा सूचना के उपयोग को अवरुद्ध करने के लिए) 2009 के नियमों और खतरों को देखते हुए यह निर्णय लिया है।
चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं का भारत के बाजार पर 80 फीसदी से अधिक हिस्से पर नियंत्रण
चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा है कि इस पाबंदी से भारतीय आईटी प्रोफेशनल्स को नुकसान होगा, साथ ही दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ेगा। साथ ही अखबार ने कहा कि क्योंकि अब प्रतिबंध लगा दिए गए हैं। एप्पल और एंड्रायड स्टोर्स तय नहीं कर पा रहे कि इसकी व्याख्या कैसे करें और इसे किस तरह से निष्पादित करें क्योंकि ऐप्स की वैरायटी बहुत वाइड है और करोड़ों उपयोगकर्ताओं को प्रभावित करता है। यहां ध्यान देना महत्वपूर्ण है कि चीनी स्मार्टफोन निर्माताओं का भारत के स्मार्टफोन बाजार पर 80 फीसदी से अधिक हिस्से पर नियंत्रण है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार है।