नई दिल्ली/चंडीगढ़ः संसद में कृषि विधेयक लाए जाने पर पंजाब सहित देश भर में प्रदर्शन तेज हो गया। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शहीद भगत सिंह नगर के खटकर कलां में भगत सिंह की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी फिर विरोध में धरने पर बैठ गए।
इस बीच, SAD नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि अगर मैंने इस्तीफा दिया है तो मैंने गवाया है कुछ पाया नहीं। इस इस्तीफे के साथ किसानों का मुद्दा सेंटर में आ गया। आपने देखा कि कैसे संसद एक हफ्ता पहले ही स्थगित करनी पड़ी।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को कहा कि उनकी सरकार नये कृषि कानूनों को लेकर उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी। सिंह ने साथ ही भाजपा नीत केंद्र सरकार को आड़े हाथ लिया और उस पर राज्यों के अधिकार छीनने का आरोप लगाया। सिंह ने कहा, ‘‘क्या वह (केंद्र) उनके लिए कुछ छोड़ेगा ताकि वे अपने राज्य चला सकें।’’
कृषि विधेयक को लेकर भाजपा से चल रही अनबन के बीच शिरोमणि अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) से अपना नाता तोड़ लिया है। भाजपा के सबसे पुराने सहयोगी दलों में से एक शिरोमणि अकाली दल की ओर से काफी वक्त पहले से ही संसद के दोनों सदनों में पारित किए गए तीनों कृषि विधेयक का विरोध किया जा रहा है।
अकाली दल के एनडीए के अलग होने के ऐलान के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर ने ट्वीट करते हुए कहा कि यदि तीन करोड़ पंजाबियों की पीड़ा और विरोध के बावजूद भारत सरकार का दिल नहीं पसीज रहा तो वो एनडीए नहीं है जिसकी कल्पना वाजपेयी जी और बादल साहब ने की थी। ऐसा गठबंधन जो अपने सबसे पुराने सहयोगी की बात नहीं सुनता है और पूरे देश का पेट भरने वालों से नजरें फेर लेता है तो ऐसा गठबंधन पंजाब के हित में नहीं है।
नये कृषि कानूनों को लेकर पंजाब सरकार उच्चतम न्यायालय जाएगी: अमरिंदर सिंह
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव एवं पंजाब मामलों के प्रभारी हरीश रावत, पंजाब कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ एवं अन्य नेताओं के साथ सोमवार को खटकर कलां गांव में शहीद भगत सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की। अमरिंदर सिंह, रावत और अन्य यहां नये कृषि कानूनों के खिलाफ धरने पर बैठे।
मुख्यमंत्री सिंह ने इस मौके पर अपने संबोधन में कृषि कानून लाने के लिए केंद्र को आड़े हाथ लिया और कहा कि ये किसान समुदाय को ‘‘बर्बाद’’ कर देंगे। सिंह ने कहा, ‘‘मैंने कहा है कि हम इस मामले को आगे ले जाएंगे। राष्ट्रपति ने इन विधेयकों को मंजूरी दे दी है और हम अब इस मामले को उच्चतम न्यायालय में ले जाएंगे।’’
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसान समुदायों के हितों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा, ‘‘दिल्ली से दो वकील कल यहां आ रहे हैं और हम उनसे इस मामले पर चर्चा करेंगे।’’ राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने रविवार को तीन कृषि विधेयकों को मंजूरी दे दी जिसको लेकर किसान, विशेष तौर पर पंजाब में प्रदर्शन कर रहे हैं।
गजट अधिसूचना के अनुसार राष्ट्रपति ने तीन विधेयकों को मंजूरी दी। ये तीन विधेयक हैं- किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसान (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020।
मुख्यमंत्री ने कानूनों को लेकर प्रदर्शन करने वाले किसानों का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें ऐसा करने का अधिकार है क्योंकि ‘‘आप उनकी आजीविका नहीं छीन सकते।’’ उन्होंने केंद्र सरकार पर राज्यों का अधिकार छीनने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘‘अब आपने कृषि क्षेत्र (को लेकर अधिकार) भी छीन लिया है। आप राज्यों के लिये कौन सी चीजें छोड़ेंगे? आप छोड़ेंगे या नहीं? आपने (राज्यों से) सब कुछ छीन लिया है। हम अपने राज्य कैसे चलाएंगे? ’’