कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नगा शांति समझौते के उनके दावे को लेकर खिंचाई की। उन्होंने ट्विटर के जरिए इस समझौते के अस्तित्व पर सवाल उठाया। राहुल ने ट्वीट किया, "अगस्त 2015 में मोदी ने नगा समझौते पर हस्ताक्षर करके इतिहास रचने का दावा किया था। अब फरवरी 2018 है, लेकिन नगा समझौते का कुछ अता-पता नहीं है।" उन्होंने कहा, "मोदी पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं जिनके शब्दों का कोई मतलब नहीं है।"
मोदी ने तीन अगस्त 2015 को घोषणा कर कहा था कि सरकार नगा विद्रोहियों के साथ एक समझौते पर पहुंच गई है। उन्होंने कहा था कि यह समझौता न केवल इस समस्या की समाप्ति बल्कि पूर्वोत्तर क्षेत्र के नए भविष्य की शुरुआत का भी सूचक है। बता दें कि अगस्त 2015 में केंद्र सरकार ने नगा अलगाववादी संगठन नैशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक मुइवा) यानी NSCN (IM) के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया था। समझौते पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में नई दिल्ली में दस्तखत हुए थे।