शिलांग, 5 मार्च: मेघालय विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के बावजूद कांग्रेस सरकार बनाने में बिफल है। इसपर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को कहा कि हमारे नेताओं ने मेघालय में कड़ी मेहनत की थी और सबसे ज्यादा सीटें हासिल की है। एएनआई के मुताबिक उन्होंने कहा, 'बीजेपी को महज 2 सीटें मिली, फिर भी वे 2 को 30 में बदल में बदल दिए। वे हमारी पार्टी के समर्थकों को तोड़ कर अपने साथ ले गए हैं। राज्यपाल को इस पर सहमत नहीं होना चाहिए, वे सबसे बड़ी पार्टी नहीं हो सकते हैं।'
खड़गे ने आगे कहा, 'अकेली सबसे बड़ी पार्टी को मौका जरुर मिलना चाहिए। अगर हम बहुमत लाने में असमर्थ हो जाएं तो दूसरे नंबर की पार्टी को आमंत्रित करना चाहिए। वे लोकतंत्र नहीं चाहते हैं और डर का वातावरण बनाना चाहते हैं। यह लंबे समय तक नहीं चलेगा, लोग धीरे-धीरे इसे समझेंगे।'
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वहीं दूसरी तरफ प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष विंसेंट पाला ने कहा 'यह पहले से तय था कि बीजेपी, एनपीपी और यूडीपी (यूनाइटेड डेमोक्रेटिक पार्टी) तीनों पार्टियां एक साथ हैं। राज्य विधानसभा में उनकी पार्टी को जनादेश मिला है।' पाला ने आगे कहा, हमारा चुनाव से पहले किसी से गठबंधन नहीं था। चुनावी कैम्पेन से ही बीजेपी, एनपीपी और यूडीपी एक साथ थे यह अब साबित हो गया है। जनादेश असल में कांग्रेस पार्टी को दिया गया है।'
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बता दें कि मेघालय विधानसभा चुनाव 2018 के 59 सीटों के नतीजों पर कांग्रेस बहुमत से कुछ आकड़ें ही पीछे रह गई। कांग्रेस को 21 सीटें मिली तो वहीं नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 19 सीटें मिली हैं। इसके अलावा बीजेपी को केवल 2 सीटों में ही सिमट कर रहना पड़ा है। लेकिन बहुमत से पिछड़ने पर एनपीपी ने बीजेपी से गठबंधन किया है। इसके साथ ही नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस (एनईडीए) में एनपीपी बीजेपी की सहयोगी है।