महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की अयोध्या दौरे पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने निशाना साधा था, जिसके बाद शिवसेना ने कड़ी आपत्ति जताते हुए बीजेपी पर पलटवार किया है। शिवसेना ने कहा है कि भगवान राम और हिंदुत्व राजनीतिक दल की संपत्ति नहीं है। बता दें कि 7 मार्च को उद्धव ठाकरेअयोध्या दौरे पर गए थे। उनकी यह यात्रा सफल रही थी।
बीजेपी ने उद्धव ठाकरे की इस यात्रा पर महाराष्ट्र सरकार की आलोचना की थी। इस यात्रा के दौरान उद्धव की तरफ से कहा गया था कि वह बीजेपी से अलग हुए हैं, लेकिन हिंदुत्व से अलग नहीं हुए। इसके बाद बीजेपी ने उनके इस बयान की आलोचना की थी।
बीजेपी ने शिवेसना पर हमला करते हुए कहा था कि उद्धव ठाकरे हिंदुत्ववादी थे, लेकिन जब से उन्होंने एनसपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है वह हिंदुत्ववादी नहीं रहे हैं। अब बीजेपी की नजर में वह हिंदुत्ववादी नहीं हैं क्योंकि उन्होंने कांग्रेस और राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाई है।
इस बात पर उद्धव ठाकरे ने जवाब देते हुए कहा कि सच तो यह कि वह कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन करके राज धर्म को अनुसरण कर रहे हैं। सामना के संपादकीय में उन्होंने कहा कि भगवान राम और हिंदुत्व राजनीतिक दल की संपत्ति नहीं है। मालूम हो उद्धव ठाकरे ने अयोध्या में ऐसे वक्त में यात्रा की थी जब राज्य में उनकी सरकार का भाजपा से गठबंधन टूट चुका है।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने 7 मार्च को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए अपने ट्रस्ट से एक करोड़ रुपये के फंड की घोषणा की थी। अयोध्या में उन्होंने कहा था, 'आज मैं यह घोषणा करना चाहता हूं कि राज्य सरकार से नहीं, बल्कि मैं यहां राम मंदिर के निर्माण के लिए एक करोड़ रुपये की राशि प्रदान करता हूं। यह हमारे तरफ से एक छोटा सा योगदान है।' ठाकरे ने यह भी कहा था कि वह अब बीजेपी से जुड़े नहीं हैं, लेकिन वे हिंदुत्व से अलग नहीं हैं। बीजेपी का मतलब हिंदुत्व नहीं है, दोनों अलग हैं।