झारखंड विधानसभा चुनावों में सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिल रहा है। भाजपा के विद्रोही उम्मीदवार सरयू राय ने जमशेदपुर (पूर्व) सीट पर मुख्यमंत्री रघुवर दास को लगभग 12,500 हजार मतों से पीछे छोड़ दिया है।
शुरू में मुख्यमंत्री रघुबर दास ने बढ़त बना रखी थी। लेकिन जो पीछे हुए वह पीछे ही चले गए। मंत्रिमंडल के सहयोगी रहे और इस चुनाव में बतौर निर्दलीय उम्मीदवार उतरे सरयू राय से मुख्यमंत्री 12,500 हजार से अधिक मतों से पिछड़ रहे हैं।
झारखंड के पूर्व मंत्री सरयू राय ने जमशेदपुर (पूर्व) सीट से टिकट न मिलने पर रघुबर दास मंत्रिमंडल और फिर भाजपा से इस्तीफा दे दिया था। राय ने 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में जमशेदपुर (पूर्व) सीट जीती थी।
भाजपा के शीर्ष विद्रोही नेता सरयू राय ने सोमवार को दो टूक कहा कि अब राज्य में रघुबर दास मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे और झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की ही सरकार बनने की संभावना है जिसकी स्थिरता के लिए आवश्यक होने पर वह स्वयं उसका समर्थन कर सकते हैं।
सरयू राय ने बातचीत में दावा किया कि अब रघुवर दास किसी भी हाल में राज्य के मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से, अपना टिकट काटे जाने से भारी रुष्ट चल रहे सरयू राय ने कहा, ‘‘वर्तमान रुझान को देखते हुए राज्य में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन की ही सरकार बनने की संभावना है और मैं चाहूंगा कि राज्य में किसी भी प्रकार की अस्थिरता न हो।
ऐसे में महागठबंधन की स्थिरता के लिए आवश्यकता पड़ने पर समर्थन देने में हमें कोई एतराज नहीं होगा।’’ भाजपा को आवश्यक होने पर समर्थन देने के सवाल पर राय ने कहा, ‘‘भाजपा को अव्वल तो मेरे समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी और मेरे द्वारा उन्हें समर्थन देने की संभावना बहुत ही कम है। ’’ उन्होंने अपना टिकट काटे जाने पर कहा, ‘‘भाजपा नेतृत्व ने मेरे स्वाभिमान को चोट पहुंचायी और उसी से आहत होकर मैंने मुख्यमंत्री के खिलाफ चुनाव लड़ने का मन बनाया।’’
एक अन्य सवाल के जवाब में सरयू राय ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी मुहिम जारी रहेगी और इस बात की उन्होंने मंत्री रहते हुए भी मुख्यमंत्री रघुवर दास को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि किसी भी भ्रष्टाचारी का स्थान मधु कोड़ा की ही जगह पर है अर्थात उसे जेल जाना होगा।