नई दिल्ली, 24 फरवरी: 'एडीआर पुलिस एंड मीडिया' का व्हाट्सऐप चैट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस व्हाट्सऐप ग्रुप में गुजरात के सीनियर पुलिस ऑफिसर और कुछ मीडियाकर्मी जुड़े हैं। इस वायरल चैट और वीडियो को लेकर दलित नेता और गुजरात के वडगाम विधायक जिग्नेश मेवाणी ने सवाल उठाया है। जिग्नेश ने अपनी सुरक्षा को लेकर सवाल उठाया है। जिग्नेश मेवाणी ने उस चैट को शेयर करते हुए पूछा है- 'जिग्नेश मेवाणी का एनकाउंटर?'
दरअसल उस वायरल वीडियो के एक वीडियो में पुलिस वाले एक शख्स की पिटाई कर रहे हैं। वहीं दूसरे वीडियो में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का है, जिसमें वो यूपी में हो रहे एनकाउंटर को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दे रहे हैं। इनदोनों ही वीडियो पर अहमदाबाद ग्रामीण के उप-पुलिस अधीक्षक लिखते हैं- 'जो लोग पुलिस के बाप बनना चाहते हैं, उसे लखोटा कहते हैं। जो लोग पुलिस का इस तरह वीडियो बनाते हैं उन्हें ध्यान रखना चाहिए कि उनके साथ पुलिस इसी तरह पेश आएगी। अंजाम भुगतना पड़ेगा।'
अहमदाबाद ग्रामीण के उप-पुलिस अधीक्षक के इस मैसेज पर अहमदाबाद पुलिस अधीक्षक थम्स-अप इमोजी बनाते हैं। विवाद खड़ा होने के बाद पुलिस अधीक्षक की तरफ से ये सफाई दी गई है कि मैंने केवल इस मैसेज को कॉपी पेस्ट करके दूसरे ग्रुप में फॉरवर्ड कर दिया। इस मैसेज का गलत मतलब निकाला जा रहा है। ये कोई पर्सनल मैसेज नहीं था और ना ही इससे किसी की सुरक्षा को खतरा है। इसे केवल एक ग्रुप से दूसरे ग्रुप में शेयर किया गया है।
आपको बता दें कि 18 फरवरी को अहमदाबाद बंद का एक वीडियो वायरल हुआ था। बंद के पहले पुलिस ने जिग्नेश मेवाणी को गिरफ्तार किया था। उस वायरल वीडियो में जिग्नेश गुजराती में बोलते दिख रहे हैं। जिग्नेश कहते हैं- 'यह तेरे बाप नी जगी छे।' हिंदी में इसका मलतब था कि ये संपत्ति तुम्हारे बाप की नहीं हैं। जिग्नेश के ये कहने के बाद वहां मौजूद पुलिस वाले उन्हें लखोटा कहकर संबोधित करते हैं।