नई दिल्लीः सीबीआई ने कांग्रेस नेता और मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह से इम्फाल में बुधवार को करीब तीन घंटे तक पूछताछ की। अधिकारियों ने बताया कि सिंह से यह पूछताछ राज्य के विकास के लिये आए धन में से 332 करोड़ रुपये की कथित हेराफेरी के सिलसिले में की गई।
उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी और मणिपुर विकास सोसाइटी (एमडीएस) के पूर्व अध्यक्ष रहे ओ नबाकिशोर सिंह को भी बृहस्पतिवार को पूछताछ के लिये बुलाया है। अधिकारी ने कहा कि ओ इबोबी सिंह और ओ नबाकिशोर सिंह के खिलाफ मामला दर्ज किया गया क्योंकि वे एमडीएस के अध्यक्ष रहे हैं जहां सरकारी धन की कथित हेराफेरी हुई है।
सीबीआई की यह कार्रवाई ऐसे समय हुई है जब नौ विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। भाजपा सूत्रों ने कहा कि प्रदेश की एन बीरेन सिंह सरकार से इस्तीफा देने वाले नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार मंत्रियों को मंगलवार को केंद्रीय नेतृत्व से बात करवाने के लिये दिल्ली ले जाया गया जिससे इस पूर्वोत्तर राज्य में संकट को खत्म किया जा सके।
सीबीआई का एक दल आरोपियों से पूछताछ के लिये इम्फाल पहुंचा था
सीबीआई का एक दल आरोपियों से पूछताछ के लिये इम्फाल पहुंचा था। पूछताछ के समय को लेकर सवाल किये जाने पर एजेंसी के अधिकारियों ने कहा कि यह पहले से चल रही जांच का हिस्सा है जिसमें कुछ लोगों से पहले ही पूछताछ हो चुकी है। सीबीआई ने पिछले साल 20 नवंबर को इस मामले की जांच प्रदेश की भाजपा सरकार के अनुरोध पर शुरू की थी।
अधिकारियों के मुताबिक ऐसा आरोप है कि सिंह ने जून 2009 से जुलाई 2017 के बीच सोसाइटी का अध्यक्ष रहने के दौरान अन्य लोगों के साथ मिलकर विकास कार्यों के लिये मिले 518 करोड़ रुपयों में से करीब 332 करोड़ रुपये की हेराफेरी की।
सिंह के अलावा सीबीआई ने एमडीएस के तीन पूर्व अध्यक्षों – डी एस पूनिया, पीसी लॉमुकंगा, ओ नाबाकिशोर सिंह को भी मामले में आरोपी बनाया है। ये तीनों पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। एफआईआर में सोसाइटी के पूर्व परियोजना निदेशक वाई निंगथेम सिंह और उसके प्रशासनिक अधिकारी एस रंजीत सिंह का भी नाम है।