यूपी की भाजपा सरकार, दावों और उनकी हकीकत का मिलान करके देखिए, 22 दिनों में 12 गोलीकांड, 4 हत्याएंः प्रियंका
By भाषा | Published: September 24, 2019 12:36 PM2019-09-24T12:36:52+5:302019-09-24T12:36:52+5:30
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट कर कहा, ''आप उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के दावों और उनकी हकीकत का मिलान करके देखिए। '' प्रियंका ने दावा किया, ''भाजपा सरकार हर रोज अपराधमुक्त करने का ढोल पीट रही है जबकि सच्चाई ये है, 22 दिनों में 12 गोलीकांड, 4 हत्याएँ। महिलाओं पर अत्याचार। ''
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश में हत्या एवं महिलाओं पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ने का दावा करते हुए आरोप लगाया कि राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार का अपराध पर कोई नियंत्रण नहीं रह गया है।
उन्होंने ट्वीट कर कहा, ''आप उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार के दावों और उनकी हकीकत का मिलान करके देखिए। '' प्रियंका ने दावा किया, ''भाजपा सरकार हर रोज अपराधमुक्त करने का ढोल पीट रही है जबकि सच्चाई ये है, 22 दिनों में 12 गोलीकांड, 4 हत्याएँ। महिलाओं पर अत्याचार। ''
आप उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार के दावों और उनकी हकीकत का मिलान करके देखिए।
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 24, 2019
भाजपा सरकार हर रोज अपराधमुक्त करने का ढोल पीट रही है जबकि सच्चाई ये है 22 दिनों में 12 गोलीकांड, 4 हत्याएँ। महिलाओं पर अत्याचार।
प्रदेश सरकार का अपराध पर कोई काबू नहीं है।https://t.co/n6SJZjLGu5
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि प्रदेश सरकार का अपराध पर कोई काबू नहीं है।
किसान कल्याण का प्रचार करने वाली भाजपा कृषकों को बोलने नहीं देती: प्रियंका
अपनी मांगों को लेकर दिल्ली पहुंच रहे किसानों को राष्ट्रीय राजधानी के बाहर रोके जाने को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आरोप लगाया कि किसानों की भलाई का प्रचार करने वाली भाजपा सरकार अन्नदाताओं को बोलने नहीं देती है।
उन्होंने ट्वीट कर सवाल भी किया, '' क्या कारण है कि किसानों को दिल्ली आकर अपनी माँग उठाने से रोक दिया जाता है? भाजपा सरकार अपने प्रचार में तो किसानों की भलाई बताती फिरती है? " प्रियंका ने यह भी पूछा, ''जब उप्र का किसान कहता है कि उन्हें गन्ने का बकाया चाहिए, कर्जमाफी और बिजली के दाम में कटौती चाहिए तो उन्हें बोलने क्यों नहीं दिया जाता?"
दरअसल, ख़बरों के मुताबिक किसानों-मजदूरों की समस्याओं को लेकर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर से दिल्ली पैदल मार्च कर आए भारतीय किसान संगठन की 15 में से 5 मांगें सरकार ने मान लीं जिसके बाद किसानों ने अपने आंदोलन को खत्म करने का ऐलान किया।
क्या कारण है कि किसानों को दिल्ली आकर अपनी माँग उठाने से रोक दिया जाता है? भाजपा सरकार अपने प्रचार में तो किसानों की भलाई बताती फिरती है?
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) September 21, 2019
फिर जब उप्र का किसान कहता है कि उन्हें गन्ने का बकाया चाहिए, कर्जमाफी और बिजली के दाम में कटौती चाहिए तो उन्हें बोलने क्यों नहीं दिया जाता?
किसानों को दिल्ली में घुसते ही पर रोक लिया गया था। किसान सैकड़ों की तादाद में दिल्ली बार्डर पर धरने पर बैठ गए थे। उनकी मांगें थी कि सरकार उनसे बात करे या फिर उन्हें दिल्ली के किसान घाट जाने दिया जाए। इसके बाद किसानों के 11 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को दिल्ली पुलिस की गाड़ी में कृषि मंत्रालय ले जाया गया और जहां उन्होंने अपनी मांगें रखीं।