केंद्र सरकार ने आंध्र प्रदेश के लिए 1269 करोड़ रुपये का फंड आवंटित किया हैं। दरअसल बजट आवंटन के बाद केंद्र की भारतीय जनता पार्टी ( बीजेपी ) और आंध्र प्रदेश की तेलगू देशम पार्टी (तेदेपा) के रिश्तों में तनातनी चल रही थी और कहा जा रहा था की तेदपा एनडीए से अलग हो सकता है। इससे पहले शिवसेना ने एनडीए से अपना 25 साल पुराना गठबंधन तोड़ कर 2019 में होने वाले आम चुनाव में अकेले लड़ने का फैसला लिया है।
सीएम चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया था कि आंध्र प्रदेश को नजरअंदाज किया जा रहा हैं। पिछले कुछ समय से तेलुगु देशम और बीजेपी के बीच पोलवरम मल्टीपरपज प्रोजेक्ट को लेकर सबसे ज्यादा तनातनी चल रही थी और इसे लेकर केंद्र सरकार ने राज्य के लिए लिए 417.44 करोड़ रुपये का फंड जारी किया गया है।
बता दें कि आंध्र प्रदेश को केंद्र सरकार पोलवरम मल्टीपरपज प्रोजेक्ट के तहत केंद्र अब तक 4329 करोड़ दे चुका है जब की राज्य सरकार का कहना है कि इस प्रोजेक्ट अब तक 7200 करोड़ रुपये खर्च किया जा चुका हैं।
राजनाथ सिंह ने मनाया चंद्रबाबू नायडू को
बजट आवंटन के बाद राज्य सरकार केंद्र सरकार पर यह आरोप लगा रहा था कि राज्य के साथ सौतेलेपन जैसा व्यवहार किया गया है। और पार्टी इस बात को लेकर अलग होने की बात कर रही थी। इस संबंध में नायडू और पार्टी नेताओं के बीच बैठक भी हुई। पार्टी के कुछ विधायक एनडीए से अलग होने की बात कर रहे थे। हालांकि यह बताया जा रहा है कि केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह फोन कर चंद्रबाबू नायडू को समझाया और उन्हें जल्दबाजी में कोई फैसला न लेने को कहा।