आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री और तेलुगू देशम पार्टी मुखिया चंद्रबाबू नायडू ने बुधवार शाम केंद्र सरकार से अलग होने का फैसला किया है। गुरुवार को चंद्रबाबू नायडू ने विधानसभा में अपने फैसले को सही ठहराया है। उन्होंने कहा कि 29 बार दिल्ली की दौड़ लगाी लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से निराशा ही हाथ लगी। नायडू ने इस दौरान अपनी सरकार का हिस्सा रहे बीजेपी के मंत्रियों की तारीफ भी की।
गुरुवार को टीडीपी के दोनों कैबिनेट मंत्री इस्तीफे की पेशकश कर सकते हैं। सरकार से अलग होने की घोषणा के बाद नायडू ने एक बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि अपनी समस्या को लेकर वो प्रधानमंत्री से बात करना चाहते थे लेकिन उन्होंने समय नहीं दिया। माना जा रहा है कि चंद्रबाबू नायडू आज प्रधानमंत्री से मुलाकात करने की कोशिश करेंगे और उसके बाद एनडीए से अलग होने पर बड़ा फैसला ले सकते हैं। उधर, बीजेपी के मंत्रियों ने आंध्र प्रदेश सरकार से इस्तीफा दे दिया है।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि यह बेहद मुश्किल समय है। अपने अधिकारों के लिए हमें खड़ा होना पड़ेगा, लड़ना पड़ेगा और इस काम को अंजाम देना पड़ेगा। केंद्र सरकार एकतरफा निर्णय ले रही है और अब हमारा सब्र जवाब दे चुका है। सरकार का साथ छोड़ने का ये सबसे सही समय है। मेरी नाराजगी किसी से व्यक्तिगत तौर पर नहीं है। मैं जो कर रहा हूं वो आंध्र प्रदेश की जनता के हित में कर रहा हूं।
बुधावर को चंद्रबाबू नायडू ने घोषणा की थी कि केंद्र टीडीपी कोटे के दोनों कैबिनेट मंत्री यानी अशोक गजपति राजू (केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री) और वाईएस चौधरी (विज्ञान और तकनीकी राज्य मंत्री) गुरुवार को इस्तीफा दे सकते हैं। साथ ही यह भी कहा कि उनकी पार्टी राजग से भी अलग हो सकती है। हालांकि इससे पहले वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलना चाहते हैं।
बता दें कि आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने को लेकर सत्तारूढ़ एनडीए से नाराज टीडीपी को शांत करने के लिए बुधवार को वित्तमंत्री अरुण जेटली आगे आए थे। उन्होंने आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने से इनकार कर दिया, लेकिन कहा कि सरकार विशेष पैकेज के तौर पर राज्य को उसी तरह की मौद्रिक राशि देने के लिए तैयार है। टीडीपी ने राज्य को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने की स्थिति में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) से अलग होने की धमकी दी है। वर्ष 2014 में राज्य के बंटवारे के वक्त आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा देने का वादा किया गया था।