लखनऊ: लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेन में एक गर्भवती महिला को लेबर पेन हुआ तो रेलवे की मदद के बाद महिला को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां महिला ने एक बच्ची को जन्म दिया। इस बच्ची का नाम 'लॉकडाउन यादव' रखा गया है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'लॉकडाउन यादव' को उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी हैं। इसी से साथ अखिलेश यादव में प्रदेश में सत्ताधारी बीजेपी और केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा है।
अखिलेश यादव ने ट्वीट कर लिखा है, ''कोरोना बंदी के दौर में ट्रेन में जन्मे ''लॉकडाउन यादव'' के उज्ज्वल भविष्य की कामना। आशा है नोटबंदी के समय लाइन में जन्म लेने पर मजबूर 'खजांची' अब अकेला महसूस नहीं करेगा। अब भाजपा सरकार ये सुनिश्चित करे कि इन बच्चों की आगामी यात्रा, इनके जन्म जैसी कटु परिस्थितियों से बहुत बेहतर हो।''
अपने 27 मई को एक ट्वीट में अखिलेश यादव ने लिखा था, ''आशा है रेलवे स्टेशन पर एक बच्चे की अपनी मृत मां को जगाने की विचलित करने वाली तस्वीरें देखकर सरकार ये सुनिश्चित करेगी कि अब कोई और ट्रेन में भूख-प्यास से न मरे। मुंबई-गुजरात में अभी भी घर लौटने के लिए व्यथित लोगों की सहायता के लिए सरकार राजनीति से ऊपर उठकर सच्ची मदद करे।''
जानिए 'लॉकडाउन यादव' के जन्म की पूरी कहानी?
लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेन से उदयभान सिंह अपनी पत्नी रीना के साथ महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई से उत्तर प्रदेश आ रहे थे। ट्रेन जब मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में थी, उसी वक्त उदयभान सिंह की गर्भवती पत्नी रीना को लेबर पेन शुरू हो गया। उदयभान ने हेल्पलाइन नंबर पर फोन कर रेलवे के कर्मचारियों से तत्काल मदद मांगी। इसके बाद रेलवे कर्मचारियों की मदद से रीना को नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां रीना ने एक बच्चे को जन्म दिया।
ऐसी असामान्य परिस्थिति में नवजात का जन्म हुआ था तो इसलिए परिजनों ने कुछ असाधारण नाम रखने की सोची। अस्पतालकर्मियों की सलाह पर माता-पिता ने तय किया कि वे बच्चे को 'लॉकडाउन' नाम से पुकारेंगे। इस तरह कोरोना काल में लॉकडाउन के बीच 'लॉकडाउन यादव' का स्वागत हुआ।