प्रवासी मजदूरों के मसले पर केंद्र सरकार ने एक बार फिर पश्चिम बंगाल सरकार पर निशाना साधा है। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि कुछ राज्यों प्रवासी मजदूरों को वापस उनके घर भेजने के लिए विशेष ट्रेनें चलाने में हमारे साथ सहयोग नहीं किया। मुझे लगता है कि लगभग 40 लाख लोग हैं जो पश्चिम बंगाल लौटना चाहते हैं लेकिन अभी तक केवल 27 विशेष ट्रेनें ही राज्य में प्रवेश कर सकी हैं।
एक हफ्ते पहले भी पीयूष गोयल ने कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार राज्य के प्रवासियों को घर लौटने के लिए सुविधाएं नहीं दे रही है और उसने केवल सात ‘विशेष श्रमिक’ ट्रेनों की अनुमति दी है।
वही रेलवे जल्द ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनों की संख्या दोगुनी करके 400 प्रतिदिन करने जा रहा है। रेलवे ने सभी प्रवासियों से अपील की है कि वे जहां हैं, वहीं रहें, भारतीय रेल उन्हें कुछ दिनों में उनके घरों तक पहुंचाएगा। रेलवे ने यह भी कहा कि श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने के लिए अब ट्रेन के गंतव्य स्थान वाले राज्यों की सहमति लेना जरूरी नहीं है। लॉकडाउन के दौरान फंसे हुए लोगों को उनके घर पहुंचाने के लिए ट्रेनों को चलाने की सरकार की यह कवायद 14 जून तक जारी रहेगी।
रेल मंत्री के अलावा महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने भी आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल और बिहार प्रवासी मजदूरों की वापसी के लिए पर्याप्त संख्या में रेलगाड़ियां चलाने की आवश्यक मंजूरी नहीं दे दे रहे हैं और इन दोनों राज्यों की जवाब देने की गति ‘‘बहुत धीमी’’ है।