World Day Against Child Labour 2020: जानिए क्यों मनाया जाता है विश्व बाल श्रम निषेध दिवस, क्या है इस साल की थीम

By मनाली रस्तोगी | Published: June 12, 2020 10:08 AM2020-06-12T10:08:28+5:302020-06-12T11:26:28+5:30

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हर साल 12 जून को विश्व बाल श्रम निषेध दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत साल 2002 में की गई थी। इस दिवस का मकसद लोगों में बालश्रम को लेकर जागरूकता फैलाना था। (फोटो सोर्स- एएफपी)

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, अनुमानित 152 मिलियन बच्चे बाल श्रम के शिकार हैं। इनमें से 72 मिलियन बच्चे खतरनाक काम काम करते हैं। (फोटो सोर्स- एएफपी)

इस वर्ष करना वायरस के कारण विश्व दिवस को वर्चुअली मनाया जा रहा है। इसे ग्लोबल मार्च अगेंस्ट चाइल्ड लेबर और इंटरनेशनल पार्टनरशिप फॉर कोऑपरेशन इन चाइल्ड लेबर इन एग्रीकल्चर (IPCCLA) के साथ मिलकर आयोजित किया जा रहा है। (फोटो सोर्स- एएफपी)

कम विकसित देशों में चार बच्चों में से एक से अधिक बच्चे (5 साल से 17 साल) खतरनाक कामों में लगे हुए हैं, जो उनके स्वास्थ्य और विकास के लिए हानिकारक माना जाता है। (फोटो सोर्स- एएफपी)

बच्चों के स्वास्थ्य और विकास के लिए सबसे ज्यादा हानिकारक काम अफ्रीका में होते हैं, जहां बाल श्रम करने वाले बच्चों की संख्या 72 मिलियन है। (फोटो सोर्स- एएफपी)

एशिया और प्रशांत महासागर के आसपास के इलाके अफ्रीका के बाद दूसरे स्थान पर हैं। इन क्षेत्रों में पूर्ण रूप से 62 मिलियन बच्चे बाल श्रम के शिकार हैं। (फोटो सोर्स- एएफपी)

बाल श्रम के कारण 5 से 17 आयु वर्ग के कई बच्चे सामान्य बचपन से वंचित हैं क्योंकि वो ऐसे काम में लगे हुए हैं, जिससे वो पर्याप्त शिक्षा और उचित स्वास्थ्य देखभाल प्राप्त नहीं कर पा रहे। (फोटो सोर्स- एएफपी)

संयुक्त राष्ट्र की संस्था इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन (ILO) बाल श्रम से बुरी तरह से प्रभावित बच्चों के लिए काम करती है। (फोटो सोर्स- एएफपी)

इस साल विश्व बाल श्रम निषेध दिवस की थीम 'बच्चों को कोविड-19 महामारी' (Covid-19: Protect Children from Child Labour, now more than ever!) रखी गई है। (फोटो सोर्स- एएफपी)

कोरोना वायरस महामारी के कारण कई देशों में बच्चे काफी बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं। (फोटो सोर्स- एएफपी)