Yashoda Jayanti 2022: कब और क्यों मनाई जाती है यशोदा जयंती, जानिए पूजा की तिथि, विधि और महत्व By हर्ष वर्धन मिश्रा | Published: February 21, 2022 2:28 PMOpen in App1 / 10हिंदी पंचांग के अनुसार हर साल फाल्गुन माह में कृष्ण पक्ष की षष्ठी को यशोदा जयंती मनाई जाती है। इस साल 22 फरवरी को यशोदा जयंती है इस दिन मां यशोदा की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन मां यशोदा का जन्म हुआ था।2 / 10मां यशोदा ने ही भगवान श्रीकृष्ण का लालन-पालन किया था, जबकि उनका जन्म मां देवकी के कोख से हुआ था। भगवान श्रीकृष्ण ने मां यशोदा को अपनी माता रूप में चुना। इससे मां यशोदा का जीवन भी धन्य हो गया। 3 / 10इस दिन माता यशोदा का विधि-विधान से पूजन और व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि मैया यशोदा की पूजा करने वाले साधक को सुख, सौभाग्य और वैभव की प्राप्ति होती है।4 / 10इस दिन माताएं अपनी संतान की लंबी आयु और उन्नति की कामना के लिए पूजा-पाठ व व्रत करती हैं।5 / 10यशोदा जयंती के दिन अगर श्रद्धा-भाव से भगवान श्री कृष्ण और माता यशोदा जी की आराधना की जाए तो भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप के दर्शन होते हैं। यह दिन माताओं के लिए बेहद खास माना जाता है। 6 / 10इस दिन सुबह प्रातःकाल गंगाजल युक्त पानी से स्नान ध्यान कर नवीन वस्त्र धारण करें। अब एक साफ लकड़ी की चौकी लें और अब इस चौकी पर थोड़ा सा गंगाजल छिड़कर कर इसे पवित्र कर लें। कलश को स्थापित करने के बाद माता यशोदा की गोद में विराजमान लड्डू गोपाल की तस्वीर या मूर्ति की स्थापित करें। 7 / 10माता यशोदा को लाल रंग चुनरी, कुमकुम, फल, फूल, मीठा रोठ, पंजीरी, माखन आदि सभी चीजें चढ़ाएं। माता यशोदा के समक्ष धूप और दीप जलाएं। 8 / 10इसके बाद आमचन कर अपने आप को पवित्र कर व्रत का संकल्प करें। अब माता की स्तुति निम्न मंत्र से करें। 9 / 10या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥ या देवी सर्वभूतेषु यशोदा रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:॥10 / 10दिन भर उपवास रखें और शाम में आरती करने के बाद फलाहार ग्रहण करें। और पढ़ें Subscribe to Notifications