Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कैसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानें विधि, नियम और मंत्र

By रुस्तम राणा | Published: April 8, 2024 05:24 PM2024-04-08T17:24:06+5:302024-04-08T17:24:17+5:30

Maa Shailputri Puja Vidhi: मां शैलपुत्री बैल की सवारी करती हैं, इस वजह से उन्हें वृषारुढ़ा कहते हैं। वे अपने बाएं हाथ में कमल और दाएं हाथ में त्रिशूल धारण करती हैं। मां शैलपुत्री की कृपा से निडरता प्राप्त होती है, भय दूर होता है।

How to worship Goddess Shailputri on the first day of Chaitra Navratri, know the method, rules and mantra | Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कैसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानें विधि, नियम और मंत्र

Chaitra Navratri 2024: चैत्र नवरात्रि के पहले दिन कैसे करें मां शैलपुत्री की पूजा, जानें विधि, नियम और मंत्र

Chaitra Navratri 2024 day 1: चैत्र नवरात्रि का पावन पर्व 09 अप्रैल से प्रारंभ हो रहा है। इस दिन विधि-विधान से घटस्थापना कर नवरात्रि पूजा प्रारंभ की जाती है। नवरात्रि के पहले दिन माँ दुर्गा के प्रथम रूप माँ शैलपुत्री की आराधना की जाती है। माँ की ज्योति जलाई जाती है। माँ शैलपुत्री ने पर्वतराज हिमालय के घर कन्या के रुप में जन्म लिया था। इसलिए उनका नाम शैत्रपुत्री रखा गया। पौराणिक कथाओं के अनुसार, प्रजापति दक्ष ने भगवान शिव के अपमान के लिए सती और महादेव को यज्ञ में आमंत्रित नहीं किया, तो सती शिव जी के समझाने के बावजूद यज्ञ में चली गईं। वहां महादेव के अपमान से दुखी होकर यज्ञ के अग्नि कुंड में आत्मदाह कर लिया। वही सती अगले जन्म में पर्वतराज हिमालय के शैलपुत्री के नाम से प्रसिद्ध हुईं। 

माँ करती हैं बैल की सवारी

मां शैलपुत्री बैल की सवारी करती हैं, इस वजह से उन्हें वृषारुढ़ा कहते हैं। वे अपने बाएं हाथ में कमल और दाएं हाथ में त्रिशूल धारण करती हैं। मां शैलपुत्री की कृपा से निडरता प्राप्त होती है, भय दूर होता है। वे उत्साह, शांति, धन, विद्या, यश, कीर्ति और मोक्ष प्रदान करने वाली देवी हैं। 

माँ शैलपुत्री की पूजा विधि

पहले घट स्थापना कर दुर्गा पूजा का संकल्प करें।
फिर माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। 
माँ को अक्षत्, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प आदि अर्पित करना चाहिए। 
मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करें। 
इसके बाद कपूर या गाय के घी से दीपक जलाएं। 
माँ की आरती करें। शंखनाद के साथ घंटी बजाएं। 
माँ को प्रसाद अर्पित करें। 
पूजा समाप्त होने के बाद घर में सभी को प्रसाद दें।

माँ शैलपुत्री मंत्र

या देवी सर्वभूतेषु शैलपुत्री रूपेण संस्थिता
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै नमो नम:

मां शैलपुत्री को प्रिय हैं ये चीजें

दुर्गा माँ का प्रिय पुष्प गुड़हल है। गुड़हल का फूल चढ़ाने से भक्तों पर असीम अनुकंपा होती हैं। देवी पुराण में माँ दुर्गा पर गुड़हल का पुष्प चढ़ाना बहुत लाभदायक है। गुड़हल के पुष्प में मां दुर्गा का विशेष वास माना जाता है। साथ ही माँ शैलपुत्री को सफेद चीज पसंद है। इस दिन सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है और अगर यह गाय के घी में बनी हों तो व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और हर तरह की बीमारी दूर होती है।

Web Title: How to worship Goddess Shailputri on the first day of Chaitra Navratri, know the method, rules and mantra

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