Sawan Somwar 2023: भगवान श्री महाकालेश्वर की दूसरी सवारी, श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल का उद्घोष किया, देखें तस्वीरें By बृजेश परमार | Published: July 17, 2023 8:03 PMOpen in App1 / 8श्रावण के दूसरे सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर की दूसरी सवारी मंदिर से निकाली गई। रजत पालकी सामने आते ही श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल का उद्घोष किया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने पालकी में भगवान के चंद्रमौलेश्वर एवं श्यामू हाथी पर मनमहेश स्वरूप के दर्शन किए।2 / 8पुरातन मान्यता अनुसार भगवान श्री महाकालेश्वर भक्तों को दर्शन देने और अपनी प्रजा का कुशल-मंगल जानने नगर भ्रमण पर निकले। सोमवार को तीन संयोग सोमवती-हरयाली अमावस्या एवं सावन सोमवार में भगवान श्री महाकालेश्वर की दुसरी सवारी निकाली गई। सवारी के निकलने के पूर्व सभामंडप में पूजन-अर्चन मुख्य पुजारी पं. घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न् कराया गया।3 / 8सर्व प्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर भगवान का षोडशोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। इसके पश्चात भगवान की आरती की गई।सवारी के निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में खुजराहो सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वी.डी. शर्मा, महापौर मुकेश टटवाल सहित मंदिर प्रबंध समिति सदस्य एवं प्रशासनिक अधिकारी आदि ने भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन -अर्चन किया और आरती में सम्मिलित हुए। इस दौरान शहर के अन्य वरिष्ठ नागरिक एवं मार्ग में श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ रजत पालकी पर पुष्प वर्षा की।4 / 8भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पालकी में सवार होकर और मनमहेश स्वरूप में हाथी पर सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने और भक्तों को दर्शन देने के लिए नगर भ्रमण पर निकले।5 / 8पालकी जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य् द्वार पर पहुंची सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई।6 / 8सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की।7 / 8परंपरागत मार्ग से होती हुई सवारी शिप्रा तट राणोजी की छत्री के सामने रामघाट पर पहुंची यहां भगवान के चंद्रमौलेश्वर स्वरूप का शिप्रा जल से अभिषेक किया कर पूजन अर्चन किया गया।8 / 8सामने दत्त अखाड़ा घाट से शैव संप्रदाय के सबसे पुरातन पंच दशनाम जूना अखाड़ा की और से भी भगवान की आरती की गई। यहां से सवारी ढ़ाबा रोड गोपालमंदिर होते हुए परंपरागत मार्ग से मंदिर पहुंची। और पढ़ें Subscribe to Notifications