Mysore Dussehra 2023: दुनिया भर में फेमस है मैसूर पैलेस दशहरा उत्सव, यहां देखें तस्वीरें By अनुभा जैन | Published: October 10, 2023 04:47 PM 2023-10-10T16:47:23+5:30 2023-10-11T12:01:39+5:30
Next Next दशहरे के इन 10 दिनों के दौरान मैसूर शहर नई दुल्हन की तरह सज जाता है। दशहरा और नवरात्रि उत्सव के लिए, वजन 280 किलोग्राम और 800 साल से अधिक पुराना, रत्न जड़ित स्वर्ण सिंहासन इस बार भी स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर निकाला गया और सोमवार को मैसूरु महल के दरबार हॉल में निजी दरबार के लिए असेंबल किया गया। सिंहासन को पूर्ववर्ती मैसूर शाही परिवार की सदस्य प्रमोदा देवी वाडियार की देखरेख में तैयार किया गया था।
गणपति होम, चामुंडी पूजा और अन्य रीति-रिवाज महल के पुजारियों की उपस्थिति में आयोजित किए गए। इसी प्रकार 750 कि.ग्रा. ’हाउदा’ (ऊंट/हाथी की पिछली सीट) को एक हाथी की पीठ पर लगाया जाएगा और इसे मैसूर की सड़कों पर परेड किया जाएगा।
श्री यदुवीर कृष्णदत्त चामराजा वाडियार मैसूर रॉयल हाउस के 27वें और वर्तमान संरक्षक हैं। श्री यदुवीर शाही पोशाक पहन कर और स्वर्ण सिंहासन पर बैठकर 15 अक्टूबर से अपना 9वां निजी दरबार आयोजित करेंगे।
दशहरा उत्सव समाप्त होते ही स्वर्ण सिंहासन फिर से खंडित कर 8 नवंबर को महल के मुख्य कक्ष में पुनः स्थापित कर दिया जाता है। बॉक्स आइटमः इसके अलावा, एक दिलचस्प तथ्य के रूप में, विजयदशमी के दिन जम्बू सवारी के दौरान बड़े सजाए गए हाथी मुख्य आकर्षण होते हैं इन हाथियों के सोने से जड़े आभूषणों में 3 फुट लंबा माथे का टुकड़ा, यानी, नेट्टीपट्टम, सिंगोटी शामिल है जो हाथियों के दांतों को ढकता है, गर्दन की घंटियाँ और रस्सियाँ, पायल, याक की पूंछ के बालों से बनी व्हिस्क, और रंगीन छतरियां। आभूषण केरल के कारीगरों द्वारा बनाए जाते हैं और जंबू सावरी के समय जनता के देखने के लिए प्रदर्शित किए जाते हैं।
मैसूर पैलेस बोर्ड के उप निदेशक टीएस सुब्रमण्यम ने बताया कि ये आभूषण 2013 में एसबीआई और स्टेट बैंक ऑफ मैसूर द्वारा सार्वजनिक बोर्ड को दान किए गए थे। उन्होंने कहा, हालांकि हाल ही में कोई नया आभूषण दान नहीं किया गया है, लेकिन इन आभूषणों को नए आभूषणों से बदलने में रुचि दिखाई गई है।
एच.चंद्रशेखर, एसीपी मैसूर पैलेस ने बताया कि आभूषण एसीपी कार्यालय की कस्टडी में हैं और विजयादशमी (जंबू सावरी दिवस) से एक दिन पहले वन विभाग को सौंप दिए जाएंगे।
दशहरा के भव्य समापन के बाद उन्हें वापस एसीपी कार्यालय में लौटा दिया जाएगा।।
मैसूर पैलेस का ऐतिहासिक रत्न-जड़ित स्वर्ण सिंहास महल के मुख्य कक्ष से निकाल दशहरा उत्सव के लिए तैयार किया गया है।