Mauni Amavasya 2022 : मौनी अमावस्या पर करें ये 4 उपाय,धन-दौलत, वंश में होगी वृद्धि By हर्ष वर्धन मिश्रा | Published: February 01, 2022 8:41 AMOpen in App1 / 5मौनी अमावस्या इस साल 1 फरवरी, (मंगलवार) को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में माघ अमावस्या (मौनी अमावस्या) का विशेष महत्व बताया गया है। मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखा जाता है इस कारण इसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों खासकर प्रयाग के संगम में स्नान एवं दान आदि करने का महत्व है। ऐसा करने से जातक को सकारात्मक उर्जा मिलती है। साथ ही दुख, गरीबी से मुक्ति मिलती है और कार्यों में भी सफलता मिलती है।आइए जानते हैं उन उपायों के बारे में :- 2 / 5ऐसा कहते हैं कि मौनी अमावस्या के दिन पवित्र गंगा नदी का पानी अमृत बन जाता है। इसलिए इस दिन गंगा में स्नान का महत्व बहुत बढ़ जाता है। कई लोग तो केवल मौनी अमावस्य ही नहीं बल्कि पूरे माघ महीने में गंगा में स्नान करते हैं। यदि घर पर स्नान करें तो नहाने के जल में कुछ बूंदे गंगा जल की अवश्य मिलाएं।3 / 5जानकारों के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन तिल के दान का विशेष महत्व है। साथ ही अन्न, तेल, सूखी लकड़ी, गर्म कपड़े, अन्य वस्त्र, कंबल आदि का भी दिन किया जा सकता है। ग्रह दोष दूर करने के लिए भी इन चीजों का दान बेहद महत्वपूर्ण होता है।4 / 5मौनी अमावस्या के दिन दूध, चावल, खीर, मिश्री और बताशा आदि भी दान करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है। इसके अलावा दूध देने वाली गाय, दर्पण आदि भी दान किए जा सकते हैं। इन चीजों के दान से अच्छे स्वास्थ्य और ज्ञान की प्रप्ति होती है। 5 / 5नियमों के अनुसार साधक को स्नान के बाद सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद दान आदि करना चाहिए। मौनी अमावस्या कि दिन पितरों का तर्पण करने की भी मान्यता है। मौनी अमानस्या के दिन पितृगण पितृलोक से आकर संगम में स्नान करते हैं। साथ ही देवता भी अदृश्य रूप में इस दिन गंगा में स्नान करते हैं। यही कारण है कि पितरों के तर्पण की इस दिन परंपरा है। और पढ़ें Subscribe to Notifications