Vastu Tips: घर में किस स्थान पर होना चाहिए बाथरूम ताकि दूर रहें नकारात्मक शक्तियां, कहां बनाएं नित्यक्रिया के लिए शौचालय, जानिए यहां
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 16, 2024 06:49 AM2024-02-16T06:49:47+5:302024-02-16T06:49:47+5:30
हर घर में बाथरूम और शौचालय का प्रमुख स्थान होता है क्योंकि घर के बुनियादी हिस्से तौर पर लिये जाने वाले बाथरूम से नकारात्मक ऊर्जा के आगमन के बहुत ज्यादा संकेत मिलते हैं।
Vastu Tips: घर का वास्तु उसमें निवास करने वालों को रोगमुक्त और बाधारहित बनाता है। जिसके घर में शांति आती है और उससे प्रगति होती है। हर घर में बाथरूम और शौचालय का प्रमुख स्थान होता है क्योंकि घर के बुनियादी हिस्से तौर पर लिये जाने वाले इस हिस्से से नकारात्मक ऊर्जा के आगमन के बहुत ज्यादा संकेत मिलते हैं।
इसलिए घर में स्नानघर या शौचायल का स्थान वास्तु के हिसाब होना चाहिए ताकि सकारात्मक शक्तियों का प्रवाह घर में सदैव बना रहे। इस बात को याद रखें कि घर में कहीं भी बना बाथरूम स्वास्थ्य और वित्त से संबंधित जटिलताओं और गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।
दरअसल किसी भी घर में शौचालय का होना, वहां रहने वाले निवासियों के स्वास्थ्य और धन के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। यदि संयोग से शौचालय को वास्तु के हिसाब से सही जगह पर नहीं बनाया गया तो निश्चित रूप से यह घर में बड़ी समस्याएं जैसे कि वित्त हानि, स्वास्थ्य समस्याएं और मानसिक तनाव को पैदा कर सकता है।
यही कारण है कि घर में कभी भी शौचालय के निर्माण के समय उसके लिए वास्तु के हिसाब से निर्धारित स्थान का ही चयन करना चाहिए और हर तरह से शौचालय का निर्माण वास्तु मानदंडों के अनुरूप होना चाहिए।
इस प्रकार घर में बाथरूम या शौचालय का नवीनीकरण या निर्माण करते समय वास्तु सिद्धांतों का पालन करना महत्वपूर्ण हो जाता है ताकि घर में रहना वालों को अधिक परेशान न होना पड़े।
बाथरूम के लिए वास्तु नियम इस प्रकार हैं:
आदर्श रूप से बाथरूम घर के पूर्वी हिस्से में रखा जाना चाहिए।
बाथरूम के पानी की निकासी के लिए पाइप की फिटिंग उत्तर-पूर्व में की जानी चाहिए।
शौचालय का निर्माण मकान के पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में करना चाहिए।
बाथरूम में शॉवर और नल उत्तरी दीवार पर लगाए जाने चाहिए।
यदि बाथरूम में ही अटैच टॉयलेट है तो शौचालय पश्चिम या उत्तर-पश्चिम दिशा में और जमीन से कुछ इंच ऊपर होना चाहिए।
बाथरूम में गीजर तो दक्षिण-पूर्व कोने में रखा जाना चाहिए।
बाथटब बाथरूम के पश्चिम भाग में होना चाहिए।
वॉशबेसिन का प्रावधान बाथरूम में उत्तर-पूर्व में किया जाना चाहिए।
बाथरूम का ओवरहेड टैंक दक्षिण-पश्चिम में होना चाहिए।
बाथरूम की खिड़कियां या रोशनदान पूर्व या उत्तर दिशा में होना चाहिए।
बाथरूम में स्नान पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके करना चाहिए।
बाथरूम की दीवारों के लिए चमकीले और सुखदायक रंग का चुनाव करना चाहिए।
दर्पण सदैव पूर्व दिशा की दीवार पर लगाना चाहिए।
गंदे लिनेन को बाथरूम के पश्चिम दिशा में रखना चाहिए।
यदि अलमारी है तो वह हमेशा बाथरूम के दक्षिण-पश्चिम दिशा में होनी चाहिए।
बाथरूम के फर्श का ढलान उत्तर और पूर्व की ओर होना चाहिए ताकि पानी बाथरूम के उत्तर-पूर्व की ओर बह सके।
वॉशिंग मशीन रखने की उपयुक्त दिशा दक्षिण-पूर्व और उत्तर-पश्चिम है।