Thursday Fast: भगवान विष्णु को समर्पित है बृहस्पति व्रत, जानिए इसका महात्यम, किसे करना चाहिए यह व्रत, जानिए यहां
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: February 15, 2024 06:50 AM2024-02-15T06:50:39+5:302024-02-15T06:50:39+5:30
हिंदू धर्म में गुरुवार को भगवान बृहस्पति की पूजा का विधान है। चूंकि भगवान बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जात है। अतः इनके पूजन से बुद्धि-विवेक आता है और परिवार में सुख-शांति मिलती है।
Thursday Fast: हिंदू धर्म में गुरुवार को भगवान बृहस्पति की पूजा का विधान है। चूंकि भगवान बृहस्पति को देवताओं का गुरु माना जात है। अतः इनके पूजन से बुद्धि-विवेक आता है और परिवार में सुख-शांति मिलती है। मूलतः बृहस्पति का व्रत श्रीहरि विष्णु के चरण में समर्पित होकर रखा जाता है।
इसलिए श्रीहरि को अत्यधिक प्रिय केले के वृक्ष की पूजा की जाती है। मान्यता है कि जो भी पूरे मन, वचन और कर्म से शुद्ध होकर भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए बृहस्पति का व्रत पूरा करता है। उस व्रती को विवाह, सुख शांति, सद्बुद्धि, गृहस्थ जीवन में मंगल की प्राप्ति होती है।
बृहस्पति के दिन भगवान विष्णु का व्रत करने वाले व्रती को पीले रंग के कपड़े धारण करने चाहिए और धूप, दीप, नैवेद्य के साथ अक्षत और हल्दी का अर्पण करके भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। लेकिन इसके साथ ही हिंदू विधान यह भी कहता है कि सांसारिक आडंबरों से दूर होकर व्रती को श्रद्धानुसार यथाशक्ति पूजन सामग्री के साथ हृदय से भगवान विष्णु का आह्वान करना चाहिए। इस व्रत में शुद्ध हृदय पर निर्भर करता है मिलने वाला सर्वोत्तम फल, इसलिए आवश्यक है की व्रती बताये गये विधि-विधान को समझें और भगवान श्रीहरि की पूजा करे।
बृहस्पति व्रत के लाभ
देवताओं के गुरु बृहस्पति की पूजा भगवान विष्णु के पूजन में समाहित मानी जाती है। इस कारण उसे दोगुने फल की प्राप्ति हो सकती है। इसलिए बृहस्पति का व्रत रखने से व्रती को भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और धन से जुड़ी समस्या का नाश होता है।
इस व्रत के फल से अगर किसी व्यक्ति की शादी न हो रही हो तो वो भी जल्दी हो जाती है। बृहस्पति देव को विद्या, संयम एवं बुद्धि के देवता कहा जाता है। इसलिए इनके आवाहन से आप ज्ञान में वृद्धि पा सकते हो और अगर यदि व्रती विद्यार्थी हैं, तो उसे शिक्षा के क्षेत्र में उत्तम सफलता मिल सकती है। इस व्रत से भगवान विष्णु अत्यंत प्रसन्न होते हैं और दुनिया के सभी भौतिक सुखों के प्राप्ति होती है।
किन्हें रखना चाहिए बृहस्पति का व्रत
वैसे तो भगवान विष्णु को समर्पित बृहस्पति का व्रत सभी के लिए अत्यधिक लाभकारी माना गया है लेकिन कुछ विशेष राशि के जातकों के लिए यह व्रत बेहद लाभदायक और खुशियां लाने वाला हो सकता है।
मान्यता है कि बृहस्पति का व्रत धनु एवं मीन राशि के जातकों के लिए बेहद शुभकारी है। इन दोनों राशियों के लोगों के लिए गुरुवार का व्रत बेहद लाभकारी है क्योंकि बृहस्पति इन राशियों के ईष्ट हैं। इसलिए अगर इन दो राशियों के लोग बृहस्पति की पावन मन से आराधना करें तो मनोवांछित फल की प्राप्ति का योग बन सकता है। बृहस्पति गुरु के स्वामी हैं, इसलिए धनु एवं मीन राशि के लोगों को व्रत से किसी बी क्षेत्र में सफलता मिल सकती है।
इसके अतिरिक्त बृहस्पति का व्रत उन जातकों के लिए भी बेहद लाभकारी है, जिनकी कुंडली में गुरु का स्थान कमज़ोर पाया जाता है। यदि कुंडली में गुरु की स्थिति खराब भाव में हो तो बृहस्पति का व्रत करने से शुभ फल मिलता है और कई तरह से कष्ट दूर हो जाते हैं। इसलिए ऐसे जातकों को यह व्रत अवश्य करना चाहिए।
इसके अलावा वो युवत या युवती, जो विवाह के उम्र के हैं लेकिन उनका लग्न नहीं बैठ रहा है या कुंडली में लग्न का स्थान संकट में हो। उन्हें भी सुयोग्य विवाह के लिए बृहस्पति का व्रत करना चाहिए। विवाह संबंधी किसी भी तरह की समस्याओं से जूझ रहे लोगों के लिए बृहस्पति का व्रत बेहद शुभ समाचार लाने वाला है।
जीवन में निराशा, अवसाद या मानसिक कष्ट झेल रहे लोगों के लिए बृहस्पति का व्रत जीवन में नये आयाम को खोल सकता है। अगर आप ज़िन्दगी की असफलताओं से जूझ रहे हैं तो अपनी विवशताओं का त्याग करते हुए बृहस्पति का व्रत सच्चे मन से करें, उससे जिंदगी में नये उत्साह का संचार होगा।
इसके इलावा यदि कोई इंसान पाप, लोभ, मोह और कामेक्षा जैसी आसक्ति से मुक्ति पाना चाहता है तो उसके लिए भी बृहस्पति का व्रत बहुत सहायक सिद्ध हो सकता है। बृहस्पति के पूजन से घर का वातावरण पवित्र होता है, नकारात्मक शक्तियां नहीं आती। मनुष्य तनाव मुक्त होकर अच्छा जीवन पाता है।