Basant Panchami 2023: इन 4 कारणों से जानिए बसंत पंचमी के दिन क्यों है पीले रंग का महत्व

By रुस्तम राणा | Published: January 24, 2023 02:10 PM2023-01-24T14:10:02+5:302023-01-24T14:10:02+5:30

Next

Basant Panchami 2023: बसंत पंचमी हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण त्योहार है। इस साल यह पर्व 26 जनवरी, गुरुवार को मनाया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार माघ शुक्ल पक्ष की पंचमी को बसंत पंचमी मनाई जाती है। इस दिन सरस्वती पूजा का विधान है। मां सरस्वती ज्ञान एवं सुरों की देवी हैं। बसंत पंचमी के दिन पीले रंग को पहनना बेहद शुभ माना जाता है। आइए जानते हैं बसंत पंचमी के दिन पीले रंग का महत्व इतना अधिक क्यों है?

बसंत ऋतु को पीले रंग का प्रतीक माना जाता है। बसंत पंचमी के दिन लोग पीले वस्त्र पहनते हैं। सरस्वती पूजा में पीले लड्डू और केसरयुक्त खीर बना कर मां सरस्वती और भगवान कृष्ण और भगवान विष्णु को अर्पित किया जाता है।

इस दिन मां सरस्वती की प्रतिमा को पीले रंग के कपड़े से सजाएं। स्वयं भी पीले वस्त्र धारण करें। पूजा के दौरान मां वीणा वादिनी को पीले पुष्प, पीले वस्त्र, पीले रंग की मिठाई की मिठाई अर्पित करें। मां की प्रतिमा के समक्ष वाद्य यंत्र, पुस्तकें रखें और अंत में आरती करने के पश्चात प्रसाद का वितरण करें।

बसंत ऋतु में मौसम बेहद सुहावना होता है। इस मौसम में चारों तरफ पीली सरसों के फूल से लहलहाते खेत दिखाई देते हैं जो मन में ऊर्जा भर देते हैं। सिर्फ यही नहीं पेड़ों पर ताजी नई पत्तियां भी आने लगती हैं। इसी कारण से बसंत ऋतु में पीले रंग का विशेष महत्व होता है।

ऐसी भी मान्यता है कि बसंत पंचमी के समय सूर्य उत्तरायण में होते हैं, जिससे सूर्य की किरणों से पृथ्वी पीली हो जाती है, इसलिए आज के दिन कपड़े भी पीले रंग के पहने जाते हैं। कहते हैं कि पीला रंग समृद्धि, एनर्जी और प्रकाश का प्रतीक है। वहीं, पीला रंग तनाव को दूर करता है और दिमाग एक्टिव रखता है। साथ ही, आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मदद करता है।