चाय बेचकर गुजारा करने को मजबूर है एशियन गेम्स मेडल विजेता, चपरासी बनने को भी है तैयार

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: September 11, 2018 12:49 PM2018-09-11T12:49:30+5:302018-09-11T12:49:30+5:30

Next

एशियन गेम्स में कांस्य पदक जीतकर देश का नाम रोशन करने वाले हरीश कुमार परिवार की आर्थिक हालत ठीक नहीं है।

सरकारी मदद की आस लगाए हरीश चपरासी की नौकरी करने को भी तैयार हैं।

हरीश ने बताया कि उनके परिवार के आय का श्रोत काफी कम है।

हरीश के पिता ऑटो चलाते हैं और उनके भाई चाय की दुकान चलाते हैं। उनकी मां व बुआ लोगों के घरों काम करती हैं।

हरीश प्रैक्टिस के अलावा कभी अपने पिता का ऑटो चलाते हैं तो कभी भाई की दुकान पर चाय बेचते हैं।

हरीश ने एशियन गेम्स में सेपकटेकरॉ (वॉलीबॉल की तरह पैरों से खेला जाने वाला खेल) में ब्रॉन्ज मेडल जीता।