महाराष्ट्र में पुरानी है चाचा-भतीजे की लड़ाई, 250 साल पहले नारायण राव पेशवा से लेकर बाल ठाकरे-शरद पवार-गोपीनाथ मुंडे भी फंसे मुसीबत में

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 23, 2019 12:11 PM2019-11-23T12:11:10+5:302019-11-23T12:11:10+5:30

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शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा के साथ हाथ मिलाने का फैसला लेकर अजित पवार पर शिवसेना की पीठ में छुरा घोंपने का आरोप लगाया।

1775-82 तक पेशवा राजघराने में चले सियासी लड़ाई में नारायण राव की हत्या उनके महल में कर दी गई थी। पेशवा चितपावन ब्राह्मण थे। नारायण राव के भतीजे रघुनाथ राव ने अंग्रेजों के मदद से सत्ता की लड़ाई लड़ी थी। 1779 में हुए उस युद्ध में अंग्रेजों की हार हुई लेकिन उन्होंने तब तक पीछे हटने से इंकार कर दिया जब तक कि दोनों पक्षों ने 1782 में युद्धविराम संधि नहीं कर ली।

शिवसेना में बाल ठाकरे के विकल्प कहे जाने वाले राज ठाकरे ने मतभेदों के चलते 2006 में अपने चाचा बालासाहेब से अलग होकर पार्टी बना ली थी.

शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने एनसीपी से अलग होकर बीजेपी का समर्थन कर दिया है. उन्हें महाराष्ट्र का उप मुख्यमंत्री बनाया गया है.

गोपीनाथ मुंडे महाराष्ट्र और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रहे हैं. उनके भतीजे धनंजय मुंडे शरद पवार की पार्टी एनसीपी के साथ हैं.