राज्यसभा चुनावः 10 सीट, आठ सीट पर भाजपा प्रत्याशी, निर्दलीय के आने से लड़ाई रोमांचक, जानिए गणित, see pics
By सतीश कुमार सिंह | Published: October 27, 2020 08:08 PM2020-10-27T20:08:54+5:302020-10-27T20:08:54+5:30
राज्यसभा की दस सीटों के लिए अगले महीने होने जा रहे द्विवार्षिक चुनाव के लिए मंगलवार को जहां भारतीय जनता पार्टी के आठ उम्मीदवारों ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया, वहीं नामांकन के आखिरी समय में एक निर्दलीय उम्मीदवार ने अप्रत्याशित रूप से पर्चा दाखिल कर रोमांच बढ़ा दिया।
विशेषज्ञों के मुताबिक अगर किसी ने अपना नामांकन वापस नहीं लिया या किसी का नामांकन निरस्त नहीं हुआ तो यह तय है कि नौ नवंबर को मतदान होगा। निर्वाचन आयोग की जारी सूची के अनुसार भारतीय जनता पार्टी से नामांकन दाखिल करने वालों में हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, हरिद्वार दुबे, बृजलाल, नीरज शेखर, गीता शाक्य, बीएल वर्मा और सीमा द्विवेदी शामिल हैं जबकि निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर प्रकाश बजाज ने पर्चा भरा है।
सपा के नेता प्रोफेसर रामगोपाल यादव और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के नेता रामजी गौतम पिछले दिनों अपना नामांकन पत्र दाखिल कर चुके हैं। निर्दलीय प्रकाश बजाज के प्रस्तावक और समर्थक सपा के ही विधायक हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि सपा ने लड़ाई को नया मोड़ दे दिया है और इससे बहुजन समाज पार्टी की राह में रोड़ा लग सकता है।
इस संदर्भ में सपा के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा, ‘‘प्रकाश बजाज सपा समर्थित हैं और उनको चुनाव में लाने की हमारी भूमिका लोकतंत्र बचाने के साथ भाजपा की चालाकी पर रोक लगाने की है।’’ यह पूछे जाने पर कि भाजपा की चालाकी क्या है, चौधरी ने कहा कि यह कल बताएंगे। सपा के एक अन्य नेता ने कहा कि भाजपा ने बसपा को ‘वाकओवर’ देने के लिए अपना नौवां उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारा लेकिन ऐन मौके पर सपा ने उसकी चाल कामयाब नहीं होने दी।
भाजपा के प्रदेश महासचिव और राज्यसभा चुनाव प्रबंधन प्रभारी जेपीएस राठौर ने कहा कि भाजपा के सभी आठों उम्मीदवारों की आसानी से जीत हो जाएगी क्योंकि एक उम्मीदवार को जीत के लिए 37 विधायकों के मत की जरूरत है। राठौर ने कहा, ‘‘भाजपा के उम्मीदवारों को जीत के लिए 296 मत चाहिए लेकिन हमारे पास अपने दल के ही 304 विधायक हैं तथा सहयोगी अपना दल (एस) के पास नौ विधायक हैं।'' उन्होंने अपनी पार्टी की शत प्रतिशत जीत का दावा करते हुए कहा कि अब परेशानी तो सपा और बसपा को होनी है। यह पूछे जाने पर कि निर्दलीय प्रकाश बजाज के आने से चुनाव पर क्या असर होगा, राठौर ने कहा, ‘‘मुझे तो लगता है कि सपा में फूट पड़ गई है क्योंकि निर्दलीय बजाज के समर्थक और प्रस्तावक सपा के ही विधायक हैं, जबकि उनके पास एक सीट जीतने के अलावा दूसरी सीट के लिए पर्याप्त संख्या नहीं है। ऐसे में सपा प्रोफेसर रामगोपाल को जिताना चाहती है या बजाज को, यह बड़ा प्रश्न है।''
बसपा के नेता इस मामले में बातचीत से बच रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि दसवीं सीट पर रोचक मुकाबला होगा। विधानसभा के एक पूर्व अधिकारी ने बताया कि दसवीं सीट पर जीत के लिए द्वितीय वरीयता के मतों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। राज्य की 403 सदस्यों वाली विधानसभा में मौजूदा समय में कुल 395 सदस्य हैं जिनमें एक सदस्य को जीत के लिए कम से कम 37 मत चाहिए। चूंकि चुनाव मैदान में 11 सदस्य हैं, इसलिए आखिरी सीट पर लड़ाई कठिन होगी और द्वितीय वरीयता के मत ही निर्णायक होंगे।
विशेषज्ञों का कहना है कि दसवीं सीट पर भाजपा महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी और उसके द्वितीय वरीयता के वोट निर्णायक हो सकते हैं। विधानसभा में सर्वाधिक 304 भाजपा और नौ विधायक उसके सहयोगी अपना दल-एस के सदस्य हैं। इसके अलावा सपा के 48, बसपा के 18, कांग्रेस के सात और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार तथा निर्दलीय समेत अन्य पांच विधायक हैं। संख्या बल के आधार पर आठ सीटें भाजपा आसानी से जीत लेगी जबकि एक सीट पर मुख्य विपक्षी पार्टी समाजवादी पार्टी को जीत मिल जाएगी। बाकी किसी दल के पास एक भी सीट जीतने के लिए संख्या बल नहीं है।
भाजपा उम्मीदवारों के नामांकन के मौके पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा तथा अन्य पदाधिकारी और मंत्री मौजूद थे। पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने मंगलवार को बताया कि नामांकन दाखिल करने से पहले सभी उम्मीदवार भाजपा के राज्य मुख्यालय के कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में एकत्र हुए जहां प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और प्रदेश महामंत्री (संगठन) सुनील बंसल समेत वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उम्मीदवारों को बधाई और शुभकामनाएं दीं। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में सभी प्रत्याशी भाजपा विधान मंडल दल कार्यालय पहुंचे। वहां से वे नामाकंन दाखिल करने पहुंचे।
भारतीय जनता पार्टी से जिन आठ उम्मीदवारों ने मंगलवार को नामांकन पत्र दाखिल किया, उनमें हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह और नीरज शेखर मौजूदा समय में भी राज्यसभा के सदस्य हैं और 25 नवंबर को उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है। पार्टी के अन्य उम्मीदवारों में हरिद्वार दुबे आगरा के रहने वाले हैं और पूर्व में कल्याण सिंह के नेतृत्व वाली सरकार में मंत्री रह चुके हैं। उत्तर प्रदेश के पूर्व पुलिस महानिदेशक एवं अनुसूचित जाति-जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष बृजलाल, पूर्व प्रदेश मंत्री गीता शाक्य, उत्तर प्रदेश राज्य निर्माण एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के अध्यक्ष एवं भाजपा के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष बीएल वर्मा और जौनपुर जिले की पूर्व विधायक सीमा द्विवेदी को भी भाजपा ने उम्मीदवार बनाया है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा ने इन उम्मीदवारों के जरिये जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने की कोशिश की है। भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजय बहादुर पाठक ने कहा कि भाजपा अपने नारे 'सबका साथ-सबका विकास' के प्रति प्रतिबद्ध है और उम्मीदवारों का यह चयन उसकी झलक है। उन्होंने कहा कि चाहे संगठनात्मक रचना हो या राज्यसभा के उम्मीदवारों का चयन, कार्यकर्ता हमेशा पार्टी की प्राथमिकता में रहा है।