1 / 10भारत की ताकत गुरुवार को और बढ़ गई जब राफेल लड़ाकू विमान औपचारिक तौर पर भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हो गया। पांच राफेल लड़ाकू विमान 29 जुलाई को फ्रांस से भारत पहुंचे थे। साल 2021 के आखिर तक सभी 36 लड़ाकू विमान भारत में होंगे।2 / 10राफेल के भारतीय वायुसेना में शामिल किए जाने से पूर्व अंबाला एयरबेस पर राफेल इंडक्शन सेरेमनी हुई। इसमें भारती रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित फ्रांस की उनकी समकक्ष फ्लोरेंस पार्ली ने भी हिस्सा लिया।3 / 10 राफेल इंडक्शन सेरेमनी के इस मौके पर सबसे पहले पारंपरा के तौर पर 'सर्वधर्म पूजा' का आयोजन हुआ।4 / 10 सर्वधर्म पूजा के बाद फ्लाईपोस्ट का कार्यक्रम हुआ। इस दौरान अंबाला एयरबेस पर राफेल लड़ाकू विमानों ने उड़ान भरी। इस दौरान एसयू-30 और जगुआर जैसे भारत के पास पहले मौजूद लड़ाकू विमाने ने भी राफेल के साथ उड़ान भरी।5 / 10 इस दौरान राफेल लड़ाकू विमानों को वाटर कैनन सैल्यूट भी अंबाला एयरबेस पर दिया गया। 6 / 10 इससे पहले फ्रांस की रक्षा मंत्री फ्लोरेंस पार्ली गुरुवार को नई दिल्ली पहुंची और अंबाला के लिए रवाना होने से पहले दोनों नेताओं ने मुलाकात की।7 / 10 राफेल लड़ाकू विमान उस समय भारतीय वायुसेना में शामिल हुआ है जब पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच सीमा पर तनातनी है।8 / 10राफेल लड़ाकू विमान से भारत की ताकत वायु क्षेत्र में बहुत बढ़ जाएगी। राफेल की खासियत ये है कि ये अपने कई समकालीन लड़ाकू विमानों से बहतर और मजबूत है।9 / 10 राफेल का रेट ऑफ क्लाइंब 300 मीटर प्रति सेकंड है। यह ऐसी स्पीड है जो चीन और पाकिस्तान के विमानों को भी पीछे छोड़ देती है। राफेल एक मिनट में 60 हजार फुट की ऊंचाई पर पहुंचने की क्षमता रखता है।10 / 10राफेल में पहाड़ी इलाकों में भी कम जगह में उतरने की बेहतरीन क्षमता है। इस लिहाज से ये भारत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। साथ ही इसे समुद्र में चलते हुए युद्धपोत पर भी उतारा जा सकता है।