New Wage Rule: अगले साल अप्रैल से घट जाएगी आपकी टेक होम सैलरी, सरकार लागू करने जा रही है ये बदलाव

By विनीत कुमार | Published: December 9, 2020 03:02 PM2020-12-09T15:02:59+5:302020-12-09T15:19:20+5:30

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सरकार अगले साल से जल्द ही एक नया नियम लाने जा रही है, जिसका सीधा कनेक्शन आपकी कमाई से है। अगले वित्तीय वर्ष यानी मार्च 2020 के बाद लोगों की सैलरी पर इसका असर पड़ सकता है।

अगले वित्तीय साल से नया वेज रूल (New Wage Rule) लागू होने जा रहा है। इसका असर आपके प्रोविडेंट फंड सहित ग्रेच्युटी और हाथ आने वाली सैलरी पर भी पड़ने जा रहा है।

सरकार ने पिछले साल संसद में वेज कोड पारित किया था और उसी की तहत नई व्यवस्था लागू होने जा रही है। इसके क्या फायदे और नुकसान हैं, इस बारे में हम आपको डिटेल में बताने जा रहे है।

नए वेज रूल के तहत प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों पर इसका खासा असर होगा। नए नियम के अनुसार सभी भत्ते मिलाकर बेसिक सैलरी के 50 फीसदी से अधिक नहीं हो सकते हैं। सीधे तरीके से कहें तो आपकी बेसिक सैलरी को कंपनियों को बढ़ाना होगा। बेसिक सैलरी को कंपनियां 50 फीसदी या उससे अधिक रख सकती हैं।

मौजूदा स्थिति में कई बार कंपनियां भत्ते को 70 फीसदी तक रखती रही हैं। ऐसे में जाहिर है नया वेज रूल आने के बाद सैलरी स्ट्रक्चर में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा।

नया वेज रूल आने के बाद कर्मचारियों की इन हैंड सैलरी या टेक होम सैलरी कम हो जाएगी। खासकर ज्यादा सैलरी पाने वाले लोगों में 70 से 80 फीसदी हिस्सा भत्ते का ही होता है। इस नए नियम से कंपनियों पर भी बोझ बढ़ेगा।

दरअसल, भत्ता की हिस्सेदारी कम होने से कंपनियों की ओर से पीएफ के योगदान और ग्रेच्युटी में बढ़ोतरी की वजह से कंपनियों की लागत बढ़ जाएगी।

नए नियम का असर उन लोगों पर ज्यादा पड़ेगा, जिनकी सैलरी के पार्ट में अलाउंस या भत्ते का हिस्सा ज्यादा है। ऐसे में आप भी चेक कर लीजिए कि आपकी सैलरी का ब्रेकअप क्या है? वैसे इसके कुछ फायदे भी होंगे।

इस नए नियम का फायदा आपकी बचत पर होगा। खासकर रिटायरमेंट के बाद इसका फायदा नजर आएगा। दरअसल, ग्रेच्युटी की रकम बढ़ जाएगी। ग्रेच्युटी की गणना बेसिक सैलरी के आधार पर ही की जाती है।

यही नहीं आपके पीएम में पैसा अधिक बचत के लिए जाएगा। जाहिर है इस बचत का आपको भविष्य में फायदा मिलेगा। हालांकि फिलहाल तो कर्मचारियों को नुकसान ही उठाना पड़ेगा।