NDRF: बाढ़, बारिश और सुनामी, हर आपदा में डटकर तैनात, जानिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के बारे, see pics

By सतीश कुमार सिंह | Published: July 22, 2020 03:05 PM2020-07-22T15:05:05+5:302020-07-22T15:22:28+5:30

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राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने मानसून के दौरान बाढ-बारिश की स्थिति से निपटने के लिए देश भर में 122 टीमों को तैनात किया है। बल के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी।

85 बचाव और राहत दल ‘@प्रभावित” राज्यों में पहले से तैनात हैं और देश भर में इसकी सभी 12 बटालियनों को बाढ़-बारिश की स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

20 राज्यों में ये टीमें तैनात की गई हैं जिनमें से बाढ़ की मार झेल रहे बिहार में सर्वाधिक 19 और असम में 12 टीमें तैनात की गई हैं। गुजरात में नौ, महाराष्ट्र में सात, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में छह-छह टीमें, कर्नाटक में चार और केरल, पंजाब और उत्तराखंड में तीन-तीन टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा, एक-एक टीम को छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, मणिपुर, राजस्थान, सिक्किम और त्रिपुरा में तैनात किया गया है।

अरुणाचल प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में दो-दो टीमें तैनात की गई हैं। इसके अलावा, 23 राज्यों में 37 टीमें एनडीआरएफ के क्षेत्रीय प्रतिक्रिया केंद्र (आरआरसी) में स्थायी रूप से तैनात हैं। डॉक्टर, गोताखोर, पैरामेडिकल स्वास्थ्यकर्मी और इंजीनियर वाली एनडीआरएफ की कुल 122 टीमों को बारिश और बाढ़ बचाव कार्य के लिए तैनात किया गया है।

वे पर्याप्त नावों और अन्य बाढ़ बचाव और जीवन रक्षक उपकरणों से लैस हैं। वे किसी भी घटना से निपटने के लिए तैयार हैं। इन टीमों में कर्मियों की संख्या एक समान नहीं है।

सभी टीमों में 25 से लेकर 45 कर्मी हैं। प्रवक्ता ने कहा कि बल विभिन्न राज्य सरकारों के साथ लगातार संपर्क में है ताकि वे हर स्थिति को लेकर रणनीति बना सकें।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और नागरिक सुरक्षा एक पुलिस बल है, जिसका निर्माण ''डिज़ास्टर मैनेज़मेंट ऐक्ट 2005'' के कानून के तहत किसी आपातकाल या आपदा के समय विशेषज्ञता और प्रतिबद्धता के साथ संगठित हो कर प्रभावितों और हताहतों के भले के लिए काम करना है।

भारत में आपदा प्रबंधन की शीर्ष संस्था एनडीएमए यानि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एथॉरिटी है जिसका मुखिया प्रधानमंत्री होता है। भारत के संघीय ढाँचे में आपदा प्रबंधन का जिम्मा राज्य सरकार के कंधे पर होता है। केंद्र में गृह मंत्रालय, भारत सरकार सभी राज्य इकाइयों में समन्वय का काम करती है।

बेहद गंभीर आपदाओं में केंद्र सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वो प्रभावित राज्य के आग्रह पर सैन्य बल, एनडीआरएफ़, वैज्ञानिक उपकरण, आर्थिक मदद, केंद्रीय पैरामिलिट्री बल व अन्य तमाम तरह की विशाल स्तर की मदद राज्य में भेजे।

NDRF का गठन 2006 को हुआ था। इसका मुख्यालय एनडीआरएफ मुख्यालय, अंत्योदय भवन, नई दिल्ली में है। एसएन प्रधान एनडीआरएफ को संकट की स्थिति या आपदा के लिए विशेषज्ञ प्रतिक्रिया के उद्देश्य से स्थापित किया गया था।

एनडीआरएफ ने, 14 साल की अल्पावधि में बहुत ही दक्ष बल के रूप में अपनी एक खास पहचान बना ली है। इस बल ने, प्राकृतिक या मानव निर्मित दोनों ही तरह की आपदाओं से निपटने में मत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह दुनिया का भी सबसे बड़ा एकमात्र पूर्णतया आत्मनिर्भर आपदा मोचन बल है।

वर्ष 2015 में नेपाल में भूकंप से हुई तबाही के समय एनडीआरएफ ने वहाँ बहुत ही सराहनीय राहत कार्य किया था | एनडीआरएफ के राहत कार्यकर्ताओं ने जीवित मिले 16 लोगों में से 11 लोगों के अनमोल जीवन को बचा लिया था और 131 शव भी बरामद किए थे।

2015 में चैन्ने में या वर्ष 2014 में असम, मेघालय और जम्मू-कश्मीर में आई बाढ़ की समस्या हो या इमारते ढहने और रेल दुर्घटनाएं होने जैसा कोई संकट हो एनडीआरएफ सदैव लोगों के जीवन की रक्षा करने के लिए जमीन पर सबसे जांबाज बल के रूप में सेवा करता रहा है | एनडीआरएफ ने देश और विदेश में आई विभिन्न आपदाओं में 4,70,000 से अधिक लोगों के जीवन को बचाया है।