लद्दाख में तनावः BRO का कमाल, तीन माह में 3 पुल, LAC तक पहुंचेगा टैंक, see pics

By सतीश कुमार सिंह | Published: July 7, 2020 02:13 PM2020-07-07T14:13:02+5:302020-07-07T14:25:44+5:30

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भारत और चीन के बीच कई माह से लद्दाख में तनाव चल रहा है। इस बीच BRO (सीमा सड़क संगठन) ने तीन महीनों में तीन पुल तैयार कर इतिहास रच दिया।

भारतीय आर्मी को आने-जाने में दिक्कत नहीं होगी। वह आसानी से टैंक भी ले जा सकेंगे। लद्दाख के निमू में BRO (सीमा सड़क संगठन) ने लेह के पास तीन पुलों का निर्माण किया है।

BRO ऑफिसर बी. किशन, "NH1 पर बना ये पुल 3महीने में तैयार किया गया है। ये पुल भारी से भारी वजन उठा सकता है। भारतीय सेना और सिविलियनों को अब आवाजाही में किसी भी तरह की परेशानी नहीं आएगी।"

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज साउथ ब्लॉक में सीमा सड़क संगठन के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल हरपाल सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर चल रही परियोजनाओं की समीक्षा की। लद्दाख के बारे में जानकारी ली। हाल ही में पीएम मोदी ने वहां दौरा किया था।

चीन की बेचैनी और आपत्ति के बावजूद भारत सीमा पर सड़कों का काम तेजी से निपटाने में जुटा हुआ है। बॉर्डर रोड आर्गेनाइजेशन (बीआरओ) ने कहा है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) और लाइन ऑफ कंट्रोल (एलओसी) पर चल रहे प्रॉजेक्ट्स को हर हाल में समय पर पूरा किया जाएगा।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को साउथ ब्लॉक में इन प्रॉजेक्ट्स की समीक्षा की। बीआरओ चीफ ले. जनरल हरपाल सिंह और दूसरे सीनियर अधिकारियों ने रक्षामंत्री को प्रॉजेक्ट्स की प्रगति के बारे में बताया।

एलएसी के पास सामरिक पुल और सड़कों को बनाने का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। सीमा सड़क संगठन यानी बीआरओ तेजी से सामरिक सड़कों और पुल को बना रहा है। 3 साल में 40 पुलों पर काम चल रहा है, जिसमें से 20 पुल बनकर तैयार हैं। 2022 तक 66 सामरिक सड़कें बनाने का भी लक्ष्य है।

सीमा सड़क संगठन भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क मार्ग के निर्माण एवं व्यवस्थापन का कार्य करता है। सीमावर्ती क्षेत्रों में पहाड़ी इलाके होने से भूमिस्खलन तथा चट्टानों के गिरते-टूटते रहने से सड़कें टूटती रहती हैं। इनको सुचारू बनाये रखने के लिये संगठन को पूरे वर्ष कार्यरत रहना पड़ता है।

भारत और चीन के बीच जारी सीमा विवाद के बीच बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन ने निमू के पास तीन नए सामरिक पुल बनाए हैं, जो भारतीय सेना को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में अपने टैंक और तोपखाने की तोपों को ले जाने में मदद करेगी।

निमू में बीआरओ ने 24 टन के वाहनों के लिए इस्तेमाल होने वाले एक बेली ब्रिज को अपग्रेड किया है, जिसके बाद उसका उपयोग 70 टन तक के वाहनों को ले जाने में किया जा सकता है। यह कार्य तीन महीने के रिकॉर्ड समय में पूरा किया गया है। इन तीनों पुलों के निर्मण से पहले भारतीय सेना अपने टैंकों को ले जाने के लिए सी -17 और इल्युशिन -76 परिवहन विमान का इस्तेमाल करती थी।

लद्दाख में निर्मित दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड मैदानी इलाका देपसांग और गलवान घाटी तक पहुंचता है। इसे सीमा सड़क संगठन (BRO) ने बनाया था। इसी संगठन ने ठीक एक वर्ष पहले दारबुक-श्योक-दौलत बेग ओल्डी रोड का काम पूरा कर दिया।