किसान मार्च: पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले छोड़े, ड्रोन कैमरे से निगरानी, सीमा सील, देखें तस्वीरें

By सतीश कुमार सिंह | Published: November 26, 2020 04:27 PM2020-11-26T16:27:15+5:302020-11-26T16:36:12+5:30

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हरियाणा पुलिस ने बृहस्पतिवार को पंजाब के किसानों के एक समूह को तितर-बितर करने के लिए पानी की बौछारें की और आंसू गैस का इस्तेमाल किया। ये किसान केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्तावित ‘दिल्ली चलो’ मार्च के तहत कथित तौर पर पुलिस अवरोधक लांघ कर हरियाणा में दाखिल होने की कोशिश कर रहे थे।

पंजाब के साथ लगी शंभू अंतरराज्यीय सीमा पर हरियाणा पुलिस के अधिकारियों ने ‘लाउड स्पीकर’ का इस्तेमाल किया और किसानों को पंजाब की ओर ही इकट्ठा होने को कहा। उनमें से कुछ अवरोधक लांघने की कोशिश कर रहे थे।

राष्ट्रीय राजमार्ग पर शंभू अंतरराज्यीय सीमा पर स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है, जहां किसानों ने घग्गर नदी में पुलिस बैरिकेड को फेंक दिया। कई किसान हाथ में काले झंडे लिए भी नजर आए। राष्ट्रीय राजधानी की ओर बढ़ रहे किसानों को रोकने के लिए हरियाणा पुलिस ने कई अवरोधक लगाएं हैं।

मौके पर मौजूद एक किसान ने कहा, ‘‘ यह निंदनीय है कि हरियाणा पुलिस शांतिपूर्ण तरीके से इकट्ठे हुए प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए ऐसे उपाय कर रही है। हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन वे विरोध करने के हमारे लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने से हमें रोकना चाहते हैं।’’

इससे पहले अंबाला के मोहरा गांव में भी किसानों के एक समूह ने अवरोधक लांघने की कोशिश की थी और वहां भी पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए पानी की बौछार की थी। हरियाणा ने बृहस्पतिवार को पंजाब से लगी अपनी सभी सीमाओं को पूरी तरह सील कर दिया है।

हरियाणा में भाजपा सरकार ने पहले ही कहा था कि वह किसानों के दिल्ली की ओर जुलूस निकालने के मद्देनजर 26 और 27 नवम्बर को पंजाब से लगी अपनी सीमाओं को बंद कर देगी।

वहीं, दिल्ली पुलिस ने बुधवार को कहा था कि उसने केन्द्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में प्रदर्शन के लिए विभिन्न किसान संगठनों से मिले सभी अनुरोधों को खारिज कर दिया है। पुलिस ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के बीच किसी प्रकार का जमावड़ा करने के लिए शहर आने पर प्रदर्शनकारी किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने वीडियो ट्विटर पर साझा कर सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता ने एक कविता ट्वीट की, ‘‘नहीं हुआ है अभी सवेरा, पूरब की लाली पहचान, चिड़ियों के जगने से पहले खाट छोड़ उठ गया किसान, काले क़ानूनों के बादल गरज रहे गड़-गड़, अन्याय की बिजली चमकती चम-चम, मूसलाधार बरसता पानी, ज़रा ना रुकता लेता दम...!’’ राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘मोदी सरकार की क्रूरता के ख़िलाफ़ देश का किसान डटकर खड़ा है। 

दिल्ली पुलिस ने बृहस्पतिवार को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों द्वारा 'दिल्ली चलो' विरोध मार्च के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी के सीमावर्ती क्षेत्रों में अपनी निगरानी सख्त कर दी। पुलिस ने कहा कि सिंघू सीमा पर दिल्ली पुलिस ने किसानों द्वारा संचालित ट्रैक्टरों की आवाजाही रोकने के लिए रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है।

यह पहला मौका है जब शहर की पुलिस ने सीमा पर रेत से भरे ट्रकों को तैनात किया है। पुलिस ने बताया कि सीमा को सील नहीं किया गया है लेकिन वे राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले सभी वाहनों की जांच कर रहे हैं। इससे पहले, दिल्ली पुलिस ने 26 और 27 नवंबर को केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने के विभिन्न किसान संगठनों के अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया था।

पुलिस ने मंगलवार को कहा था कि अगर वे कोविड-19 महामारी के बीच किसी भी सभा के लिए शहर में आते हैं तो विरोध करने वाले किसानों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। किसान बृहस्पतिवार को दिल्ली पहुंचने वाले हैं। किसानों के मार्च को देखते हुए दिल्ली मेट्रो ट्रेनें बृहस्पतिवार को दोपहर दो बजे तक पड़ोसी शहरों से राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं को पार नहीं करेंगी।

दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन ने कहा कि इस अवधि में आनंद विहार से वैशाली और न्यू अशोक नगर से नोएडा सिटी सेंटर तक कोई मेट्रो सेवाएं उपलब्ध नहीं होंगी। सुल्तानपुर और गुरु द्रोणाचार्य मेट्रो स्टेशनों के बीच बृहस्पतिवार को दोपहर दो बजे तक मेट्रो सेवा उपलब्ध नहीं होगी। हालांकि, इसी अवधि के दौरान हवाई अड्डे और रैपिड मेट्रो लाइनों पर नियमित मेट्रो सेवाएं उपलब्ध रहेंगी। पुलिस ने ट्वीट कर कहा था कि शहर में ऐसी किसी भी सभा के लिए अनुरोध अस्वीकार कर दिए गए हैं। पुलिस उपायुक्त (नई दिल्ली) ने ट्वीट किया था,“किसान संगठनों के 26 और 27 नवंबर को दिल्ली के लिए मार्च के संबंध में..... 26 और 27 नवंबर को दिल्ली में विरोध प्रदर्शन के संबंध में विभिन्न किसान संगठनों से प्राप्त सभी अनुरोधों को अस्वीकार कर दिया गया है और आयोजकों को इसकी सूचना पहले ही दे दी गई है।” (सभी फोटो-ani)