चंद्रशेखर आजाद: इन शायरियों और कोट्स को पढ़कर आज भी होते हैं रोंगटे खड़े, देखें Pics
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: July 23, 2019 14:34 IST2019-07-23T14:34:25+5:302019-07-23T14:34:25+5:30

क्रांतिकारी चंद्रशेखर आजाद की आज जयंती हैं और उनका जन्म 23 जुलाई 1906 को मध्य प्रदेश में हुआ था। ऐसे में आज हम आपको उनकी शायरियों और कोट्स के बारें ने बता रहे हैं, जिन्हें पढ़कर आज रोंगटे खड़े हो जाते हैं....

दुश्मन की गोलियों का, हम सामना करेंगे। आजाद ही रहे हैं, आजाद ही रहेंगे।

मेरा नाम आजाद है, मेरे पिता का नाम स्वतंत्रता और मेरा घर जेल है।

यदि कोई युवा मातृभूमि की सेवा नहीं करता है, तो उसका जीवन व्यर्थ है।

अगर आपके लहू में रोष नहीं है, तो ये पानी है जो आपकी रगों में बह रहा है। ऐसी जवानी का क्या मतलब अगर वो मातृभूमि के काम ना आए।

दूसरों को खुद से आगे बढ़ते हुए मत देखो। प्रतिदिन अपने खुद के कीर्तिमान तोड़ो, क्योंकि सफलता आपकी अपने आप से एक लड़ाई है।

मैं ऐसे धर्म को मानता हूं, जो स्वतंत्रता समानता और भाईचारा सिखाता है।

चिंगारी आजादी की सुलगती मेरे जिस्म में हैं। इंकलाब की ज्वालाएं लिपटी मेरे बदन में हैं। मौत जहां जन्नत हो यह बात मेरे वतन में है। कुर्बानी का जज्बा जिंदा मेरे कफन में है।

टूटी हुई बोतल है टूटा हुआ पैमाना। सरकार तुझे दिखा देंगे ठाठ फकीराना।।

शहीदों की चिताओं पर पड़ेंगे ख़ाक के ढेले। वतन पर मिटने वालों का यही बाकी निशां होगा॥

















