Bihar Bhojpur Sand: भोजपुर में रेत खनन, डीएम राजकुमार ने अपनाई नई तरकीब, 200 मिमी व्यास के 462 लोहे की छड़ स्तंभ लगाए, तस्वीरें वायरल

By एस पी सिन्हा | Published: September 22, 2022 02:39 PM2022-09-22T14:39:55+5:302022-09-22T14:44:40+5:30

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बिहार के भोजपुर जिले में मचे बालू (रेत) अर्थात पिला सोना के लूट पर वर्तमान जिलाधिकारी राजकुमार ने अंकुश लगाने के लिए नई तरकीब का सहारा लिया है। हाल यह था कि बालू माफियाओं के आगे किसी की एक नहीं चलती थी।

गंगा के दक्षिण और पश्चिम में सोन नदी के मिलन स्थल से लेकर पूरे सोन नदी में बालू की लूट मची हुई थी। दरअसल, सोन नदी में रेत (बालू) जमा होना प्रकृति प्रदत है और सोन नदी के बालू को सबसे उच्च स्तर का माना जाता है। सोन नदी गंगा नदी की एक महत्वपूर्ण सहायक नदी, बारहमासी है। बताया जाता है कि हर साल मानसून आते ही कानूनी तौर पर बालू का खनन रुक जाता है।

लेकिन उसी समय बालू के लुटेरे ज्यादा सक्रिए हो जाते हैं। बालू माफिया समुद्री डाकुओं की तर्ज पर नाव में सवार होकर कोईलवर पुल को पार कर जाते थे। इनके पास बालू खनन के लिए उपकरणों के अलावा बेलचा और असलहे भी होते थे। बालू के लूटेरे हथियारों से लैश होकर पुलिस से भी लोहा लेने से नही हिचकते थे। कभी-कभी पुलिस की टीम सामने दिख जाने पर ये लोग गोली चलाने में जरा भी नहीं हिचकते थे।

उसवक्त सोन नदी का नजारा सोमालियाई समुद्र लूटेरों की तरह दिखाई देने लगता था। लेकिन इनपर अंकुश लगा पाना प्रशासन के लिए एक चुनौती भरा होता था। हाल यह था कि सोन नदी में प्रति दिन सैकड़ों नौकाएं रात-दिन अवैध ढुलाई में लगी रहती थीं। बताया जाता है कि बड़ी नौकाओं की क्षमता 1200 सीएफटी से तीन हजार सीएफटी तक होती है। 

ऐसे में इनपर अंकुश लगाने के लिए वर्तमान जिलाधिकारी राजकुमार ने नदी के रास्ते बालू की ढुलाई पर लगाम लगाने के लिए अनोखी तरकीब ढूंढ निकाली। कोईलवर में नए बने पुल के समीप सोन नदी में लोहे के गाटर के सहारे मजबूत खोखला जीआई पाइप को 25 फीट की दूरी पर 12-15 फीट की गहराई में गाड कर खडा कर दिया गया।

इन जीआई खोखले पाइप गर्दन तक रेत से भरे हैं ताकि यह नदी के प्रवाह को रोक भी नही सकें और अवैध बालू खनन कार्य करने वालों के लिए एक निवारक के रूप में रहें। सोन नदी के उस पार 200 मिमी व्यास के 462 लोहे की छड़ स्तंभ बनाए गए हैं। इससे सोन की धारा के बहाव पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन बालू लदी नौकाएं इससे पार नहीं कर सकेंगी।

प्रशासन के इस उपाय को अवैध बालू खनन के खिलाफ मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। जिलाधिकारी राजकुमार ने बताया की सोन नद को सील कर दिया गया है। इससे रात के अंधेरे में नौकाएं आर-पार नहीं कर सकेंगी। यह इतना मजबूत है कि वर्तमान में य चर्चा बन गया है। 

इसके साथ ही बालू माफियाओं पर निगरानी करने के लिए सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और हाई-स्पीड बोट मजिस्ट्रेट के साथ नदी में तैनात किये गये हैं। उच्च गति वाली नाव बालू लूटेरों से मुकाबला करने के लिए नाइट विजन डिवाइस, पोर्टेबल गैस कटर और कई नए उपकरण सोन के समुद्री लुटेरों का मुकाबला कर रही हैं।

बालू लूटेरों से रोजाना 5.6 करोड़ रुपये का राजस्व घाटा हो रहा था। वित्त वर्ष 2021-22 में कुल 1789 छापे मारे गए, जिसके परिणामस्वरूप 461 गिरफ्तारियां, 307 प्राथमिकी, 3140 1691616 सीएफटी बालू के साथ वाहन जब्त इस सब से एकत्रित कुल इनाम छापेमारी में 2522.26 लाख रुपये की अतिरिक्त कीमत के रूप में बालू को जब्त कर लिया गया। वित्त वर्ष 2022-23 में 10 सितंबर तक 813 छापेमारी की गई जिसमें गिरफ्तार किया गया। यह विचार वर्तमान नेतृत्व में एक गेम चेंजर बन गया है। (सभी फोटोः एसपी सिन्हा)