Ayodhya Ram Mandir Bhoomi Pujan: 175 प्रतिष्ठित अतिथि, 135 संत, पीएम मोदी सहित मंच पर सिर्फ पांच लोग, see pics

By सतीश कुमार सिंह | Published: August 4, 2020 05:47 PM2020-08-04T17:47:57+5:302020-08-04T17:58:08+5:30

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पांच अगस्त को होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम के लिये भगवान राम की नगरी अयोध्या को 'दुल्हन' की तरह सजाया गया है। भव्य राम मंदिर निर्माण के लिये होने वाले इस एतिहासिक भूमि पूजन कार्यक्रम में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शामिल होंगे।

लखनऊ तथा अन्य जनपदों से अयोध्या जाने वाली अधिकतर सड़कें भगवान राम के प्रस्तावित मंदिर और राम लला के बड़े-बड़े पोस्टरों, बैनरों और होर्डिंग से सजी हैं। अयोध्या जाने वाले वाहनों की जांच उससे पहले पड़ने वाले जिले बाराबंकी से ही शुरू हो जाती है और रास्ते में चार स्थानों पर सख्त जांच की जा रही है।

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने सोमवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए 175 प्रतिष्ठित अतिथियों को आमंत्रित किया गया है। 135 संत हैं जो विभिन्न आध्यात्मिक परंपराओं से जुड़े हुए हैं और वे सभी उपस्थित रहेंगे।

अयोध्या में राम जन्मभूमि निर्माण के लिए भूमि पूजन से दो दिन पहले से ही धार्मिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं। अयोध्या में हर जगह बैरीकेड लगा दिए गए हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपील की है कि अयोध्या में बुधवार को होने वाले भूमि-पूजन समारोह में सिर्फ वही लोग आएं, जिन्हें आमंत्रित किया गया है।

अयोध्या में प्रवेश करने वाले वाहनों में सवार लोगो के मोबाइल नंबर और वाहनों का पूरा ब्यौरा भी पुलिसकर्मी नोट कर रहे हैं । अयोध्या में उन्ही लोगों को प्रवेश करने दिया जा रहा है जिन्हें आधिकारिक स्वीकृति मिली हुई है।

मंगलवार को अयोध्या पहुंचने वालों को कई स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था से होकर गुजरना पड़ा। हनुमानगढ़ी इलाके में पुलिस और प्रशासन के वाहनों के सायरन दूर से ही सुनाई देने लगते है । इसके साथ ही भगवान राम के भजनों की मधुर आवाज भी कानों में रस घोलने लगती है।

कोविड-19 महामारी के कारण चुनिंदा लोगों को ही समारोह में बुलाया जा रहा है और इसमें राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद के पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के बेटे इकबाल अंसारी का भी नाम शामिल है।

मोहम्मद शरीफ पिछले करीब 27 साल से जिले में लावारिस शवों का अंतिम संस्कार करते हैं और अयोध्या में खिड़की अली बेग मोहल्ले के रहते हैं। शरीफ पिछले करीब 27 सालों में अब तक 25 हजार लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं और वो इस काम में धर्म, संप्रदाय नहीं देखते हैं। नरेंद्र मोदी सरकार ने इसी साल मोहम्मद शरीफ को पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा था

हनुमानगढ़ी जाने वाले मार्ग पर जगह-जगह लकड़ी की बल्लियों से मार्ग अवरोधक लगाये गये है। कई स्थानों पर लोहे के अवरोधक भी लगाये गये है।

हनुमानगढ़ी जाने वाला मार्ग पूरी तरह से साफ सुथरा है और जगह-जगह पर पानी का छि़ड़काव भी किया गया है।

सुरक्षा व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुये अयोध्या के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दीपक कुमार ने बताया, ''जहां तक पांच अगस्त की बात है तो हम कोविड-19 नियमों का पूरी तरह से पालन कर रहे हैं । इसलिये हम किसी भी बाहरी व्यक्ति को अयोध्या में प्रवेश नही दे रहे है, शहर में एक जगह पांच व्यक्तियों को एकत्र होने की अनुमति भी नही है। हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि कोविड-19 के नियमों का सख्ती से पालन हो।''

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पांच अगस्त को अयोध्या में प्रवेश करने वालों के लिये मार्ग में परिवर्तन किया गया है लेकिन अयोध्या में रहने वाले लोगों को अपना पहचान पत्र दिखाने पर रोका नही जायेगा लेकिन बाहरी लोगों को शहर में प्रवेश की अनुमति नही होगी।

सभी कालों को बनाने वाले भगवान जब पवित्र हैं तो उनके द्वारा बनाए गए काल कैसे अशुभ या अपवित्र हो सकते हैं इसलिए मुहूर्त की जो चिंताएं और आलोचनाएं चल रही हैं। मुझे लगता है कि उनके दुर्दिन हैं, उनका दुर्भाग्य है: योग गुरू रामदेव, दिग्विजय सिंह का बयान कि शिलान्यास का मुहूर्त शुभ नहीं