Coronavirus: वैज्ञानिकों के अनुसार अश्वगंधा से हो सकता है कोरोना वायरस का इलाज, जानें अश्वगंधा के 8 बेमिसाल फायदे

By संदीप दाहिमा | Published: May 25, 2020 05:15 PM2020-05-25T17:15:25+5:302020-05-25T17:15:25+5:30

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कोरोना का अभी तक कोई इलाज नहीं मिला है। हालांकि वैज्ञानिक लगातार इसका इलाज खोजने में जुटे हैं. इस बीच राहत की खबर यह है कि आईआईटी दिल्ली ने अश्वगंधा जड़ी बूटी को कोरोना वायरस के उपचार के लिए प्रभावी बताया है। आईआईटी दिल्ली और जापान के एक प्रौद्योगिकी संस्थान के अनुसंधान में यह पाया गया है कि आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी अश्वगंधा कोविड-19 संक्रमण के खिलाफ उपचारात्मक और इसकी रोकथाम करने वाली एक प्रभावी औषधि हो सकती है।

तनाव और चिंता को करता है दूर मसल्स ग्रोथ और स्ट्रेंथ बढ़ाने में सहायक प्रजनन शमता में करता है वृद्धि ब्लड शुगर लेवल करता है कंट्रोल वजन कम करने और आखों के लिए बेहद लाभदायक है।

इंडियन जर्नल ऑफ साइकोलॉजिकल मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन ने साबित किया कि जब तनाव और चिंता के स्तर को कम करने की बात आती है तो अश्वगंधा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अध्ययन के लिए तनाव और चिंता से पीड़ित 64 लोगों को रोजाना अश्वगंधा के 300 मिलीग्राम / कैप्सूल दिए गए थे। इन लोगों को 60 दिनों तक कैप्सूल दिए गए और अध्ययन के अंत में यह ध्यान दिया गया था कि रोजाना 500-600 मिलीग्राम के बीच अश्वगंधा खाने तनाव और चिंता को दूर किया जा सकता है।

जर्नल ऑफ़ इंटरनेशनल सोसाइटी ऑफ स्पोर्ट्स न्यूट्रीशन द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला कि अश्वगंधा की खुराक मांसपेशियों और ताकत के विकास में मदद करती है। अध्ययन के लिए 18-50 साल की आयु के 57 लोगों को लिया गया था। इन्हें दो समूहों में विभाजित किया गया था, जहां एक को 600 मिलीग्राम अश्वगंधा दिया गया था और एक समूह को इसे खाए बिना जिम करने को कहा गया। अश्वगंधा खाने वालों की मांसपेशियों की ताकत में 1.5-1.7 गुना वृद्धि हुई और मांसपेशियों के आकार में 1.6-2.3 गुना अधिक वृद्धि हुई।

फर्टिलिटी एंड स्टेरिलिटी जर्नल में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, अश्वगंधा में प्रजनन क्षमता को बढ़ाने की क्षमता है, खासकर पुरुषों में। फर्टिलिटी से पीड़ित 75 पुरुषों को लेकर तीन महीने की अवधि तक एक अध्ययन किया गया। व्यक्तियों को 5 ग्राम अश्वगंधा की दैनिक खुराक दी गई। अध्ययन के अंत में प्रतिभागियों में शुक्राणुओं की संख्या और शुक्राणु की गुणवत्ता में वृद्धि देखी।

इंडियन जर्नल ऑफ एक्सपेरीमेंटल बायोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन ने पाया कि अश्वगंधा में ब्लड शुगर लेवल को कम करने के गुण भी हैं। अध्ययन के लिए, टाइप 2 डायबिटीज वाले व्यक्तियों को रोजाना अश्वगंधा की 3 ग्राम खुराक दी गई थी। खुराक दिन में 2-3 बार दी जाती थी और अंत में यह पाया गया कि अश्वगंधा ने उनके शुगर लेवल को ओरल मेडिसिन के जितना ही कम कर दिया था।

थायराइड से ग्रस्त चूहों पर हुए एक अध्ययन में पाया गया कि जब चूहों को नियमित रूप से अश्वगंधा की जड़ को दवा के रूप में दिया गया तो उनके थायराइड हार्मोंस संतुलन होने लगे।

अश्वगंधा एस्परगिलोसिस नामक संक्रमण के खिलाफ प्रभावी माना गया है। ऐसे में संक्रमण से बचने के लिए अश्वगंधा का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है।

स्वस्थ रहने के साथ ही वजन भी संतुलित रहना जरूरी है। अश्वगंधा की जड़ के अर्क का सेवन करने से भूख लगने में कमी पाई गई है और ये वजन भी नियंत्रित करता है।