सचिन वाझे एंटीलिया मामले के बाद इस बड़ी घटना को देना चाहता था अंजाम!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: April 10, 2021 07:25 PM2021-04-10T19:25:50+5:302021-04-10T19:40:22+5:30

Next

मुंबई पुलिस के निलंबित अधिकारी सचिन वाझे को तलोजा जेल भेज दिया गया है। कोर्ट ने शुक्रवार को उसे 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। एनआई ने भी कोर्ट को बताया है कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के बाहर हुए बम विस्फोट की एनआईए जांच लगभग पूरी हो चुकी है। इसलिए, अब सचिन वेज से पूछताछ करने की कोई जरूरत नहीं है।

इसी बीच एक और बड़ी जानकारी सामने आई है। एनआईए सूत्रों के अनुसार, सचिन वाझे अंबानी के घर के बाहर विस्फोटक मिलने के बाद एक और बड़ी साजिश में जुटा था। गाड़ी में जिलेटिन छड़ों के मिलने के कुछ दिन बाद वो फर्जी इनकाउंट की भी योजना बना रहा था।

सचिन वाझे संभवत: यह दिखावा करने की कोशिश में था जिन लोगों ने मुकेश अंबानी के घर के बाह विस्फोटक रखा, वे मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं।

सूत्रों के अनुसार, मुठभेड़ के लिए दो व्यक्तियों की भी पहचान की गई थी। जिलेटिन विस्फोटक मामले की जांच के बहाने वाझे इन लोगों को निशाना बनाना चाहता था। हालांकि, जिलेटिन छड़ों के कारण मामले ने अलग मोड़ ले लिया और एनआईए और एटीएस को जांच के लिए आना पड़ा।

विस्फोटकों के कारण वाझे की पूरी योजना विफल हो गई। उसे इस मामले में एनआईए ने गिरफ्तार किया। कई चौंकाने वाले खुलासे हुए। अंत में, एनआईए ने सचिन वेज के खिलाफ मजबूत सबूत इकट्ठा किए।

दक्षिण मुम्बई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास 25 फरवरी को एक एसयूवी से जिलेटिन की छड़ें बरामद होने और फिर गाड़ी के मालिक मनसुख हिरन की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के बाद वाझे एनआईए की जांच के घेरे में आए। वाझे को 13 मार्च को गिरफ्तार किया गया था।

मनसुख हिरन की 4 मार्च को हत्या कर दी गई थी। सचिन वाझे को जेल भेजने से पहले CBI ने शुक्रवार को NIA कार्यालय में जाकर अनिल देशमुख मामले की जांच की।

एनआईए ने पूरे मामले में कई खुलासे किए हैं, फिर भी कुछ और खुलासे बाकी हैं। सचिन वाझे अकेले इतनी बड़ी साजिश नहीं रच सकता। ऐसे में सवाल है कि उसके ऊपर हाथ किसका है? यह देखा जाना भी बाकी है कि स्कॉर्पियो में जिलेटिन कौन लाया और कब लाया गया।

एंटीलिया और मनसुख हिरेन हत्या के मामलों में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे को 23 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।

इस बीच, नए गृह मंत्री दिलीप पाटिल ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से मुलाकात की। गौरतलब है कि परमबीर सिंह ने मुंबई कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद अनिल देशमुख के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए थे। उनके खिलाफ सीबीआई जांच शुरू हो गई है, ऐसे में देशमुख को गृह मंत्री का पद छोड़ना पड़ा था।