Share Market: रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के बीच शेयर बाजार में साल की सबसे बड़ी गिरावट, 8.47 लाख करोड़ रुपये का घाटा

By सतीश कुमार सिंह | Published: February 14, 2022 09:38 PM2022-02-14T21:38:28+5:302022-02-14T21:41:17+5:30

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रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव के कारण सोमवार को शेयर बाजारों में भारी गिरावट से निवेशकों की संपत्ति 8.47 लाख करोड़ रुपये से अधिक घट गई। शेयर बाजार में शुक्रवार को हुई भारी बिकवाली के बाद सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में भी घरेलू बाजार भारी गिरावट में रहा।

बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,747.08 अंक या तीन प्रतिशत के नुकसान से 56,405.84 अंक पर आ गया। बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण शुरुआती कारोबार में 8,47,160.93 करोड़ रुपये घटकर 2,55,42,725.42 करोड़ रुपये रह गया।

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर सोमवार को 24 पैसे टूटकर नौ सप्ताह के निचले स्तर 75.60 पर बंद हुई। शेयर बाजार में गिरावट के बीच यूक्रेन को लेकर जारी तनाव के बीच निवेशक सुरक्षित समझी जाने वाली संपत्तियों में निवेश को तरजीह दे रहे हैं, जिसका असर रुपये पर पड़ा।

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, घरेलू शेयर बाजारों में नरम रुख और कच्चे तेल के दाम में तेजी का भी घरेलू मुद्रा पर प्रतिकूल असर पड़ा। अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 75.53 पर खुला और कारोबार के दौरान ऊंचे में 75.37 और नीचे में 75.64 तक गया। अंत में यह पिछले सप्ताह शुक्रवार के बंद भाव के मुकाबले 24 पैसे टूटकर 75.60 पर बंद हुआ।

20 दिसंबर के बाद रुपये का यह निचला स्तर है। यह लगातार पांचवां कारोबारी सत्र है, जब रुपया नीचे आया है। पांच कारोबारी सत्रों में रुपया 68 पैसे तक टूट चुका है। शुक्रवार को रुपया 21 पैसे टूटकर 75.36 पर बंद हुआ था। इस बीच, छह मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी मुद्रा की मजबूती को बताने वाला डॉलर सूचकांक 0.13 प्रतिशत की बढ़त के साथ 96.21 पर पहुंच गया।

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक दिलीप परमार ने का, ‘‘घरेलू शेयर बाजारों में गिरावट और डॉलर सूचकांक में मजबूती के बीच रुपये में लगातार पांचवें कारोबारी सत्र में गिरावट रही।’’ तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,747.05 अंक यानी तीन प्रतिशत लुढ़ककर 56,405.84 अंक पर बंद हुआ। वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा का भाव 0.35 प्रतिशत टूटकर 94.11 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।