July GST Collection: पहली अगस्त को खुशखबरी!, 5वीं बार 1.60 लाख करोड़ के पार, देखें सभी आंकड़े

By सतीश कुमार सिंह | Published: August 1, 2023 05:35 PM2023-08-01T17:35:39+5:302023-08-01T17:38:27+5:30

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जीएसटी संग्रह जुलाई माह में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत बढ़कर 1,65,105 करोड़ रुपये रहा। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को यह जानकारी दी। अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था लागू होने के बाद से पांचवीं बार जीएसटी संग्रह 1.60 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा है।

वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, ‘‘जुलाई 2023 में सकल माल एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रह 1,65,105 करोड़ रुपये रहा। इसमें केंद्रीय जीएसटी 29,773 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 37,623 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 85,930 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 41,239 करोड़ रुपये सहित) है। इसके अलावा उपकर 11,779 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 840 करोड़ रुपये सहित) रहा।’’

मंत्रालय के अनुसार राजस्व संग्रह जुलाई 2023 में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 11 प्रतिशत अधिक रहा। जुलाई 2022 में यह 1.49 लाख करोड़ रुपये था। वर्ष 2023 में जुलाई लगातार दूसरा महीना है जब बेची गई वस्तुओं तथा प्रदान की गई सेवाओं पर भुगतान किए गए करों से मासिक आधार पर राजस्व में वृद्धि हुई। यह जून महीने में 1.61 लाख करोड़ रुपये और मई में 1.57 लाख करोड़ रुपये था।

अप्रैल में यह रिकॉर्ड 1.87 लाख करोड़ रुपये रहा था। समीक्षाधीन महीने के दौरान घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व सालाना आधार पर 15 प्रतिशत अधिक रहा। एन. ए. शाह एसोसिएट्स पार्टनर (अप्रत्यक्ष कर) पराग मेहता ने कहा कि मकानों, कारों, छुट्टियों और अन्य उपभोक्ता वस्तुओं के लिए उपभोक्ता खर्च में वृद्धि मासिक जीएसटी संग्रह में बढ़ोतरी का प्रमुख कारण रही।

मेहता ने कहा कि मजबूत जीएसटीएन नेटवर्क ने शुरुआत में में ही कर चोरों का पता लगाना सुनिश्चित किया है। इसके जरिए विभाग नियमित आधार पर कर चोरी करने वालों और फर्जी चालान करने वाली संस्थाओं पर कार्रवाई कर रहा है। इसके अलावा जीएसटी परिषद द्वारा उद्योग के मुद्दों पर समय-समय पर स्पष्टीकरण से भी कानून को लेकर स्पष्टता आई है। समुचित अनुपालन के साथ जीएसटी संग्रह बढ़ा है।

डेलॉइट इंडिया पार्टनर एम.एस. मणि ने कहा कि ई-इनवॉइस कारोबार सीमा में कमी के साथ राज्यों में जीएसटी ऑडिट की संख्या बढ़ी जिससे कंपनियों में जीएसटी का अधिक पालन किया गया। इससे मासिक आधार पर जीएसटी संग्रह बढ़ा है और वह एक स्तर पर स्थिर होता जा रहा है।

भारत में केपीएमजी के राष्ट्रीय प्रमुख (इंडायरेक्ट टैक्स) अभिषेक जैन ने कहा कि त्योहारों के कारण आने वाले महीनों में संग्रह बढ़ने की उम्मीद है।