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6 करोड़ से भी अधिक अंशदाताओं के लिए खुशखबरी, ईपीएफ जमा पर 8.5 फीसदी मिलेगा ब्याज, जानें सबकुछ

By सतीश कुमार सिंह | Published: March 04, 2021 2:57 PM

Employees’ Provident Fund Organisation: अधिकारियों का कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से हुई बहुत अधिक निकासी और योगदान में आई कमी के चलते कमाई पर असर पड़ा है।

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ठळक मुद्देईपीएफओ अपना अधिकतर हिस्सा सरकारी सिक्योरिटीज में निवेश करता है।भारी गिरावट की वजह से ईपीएफओ की कमाई पर भी प्रतिकूल असर हुआ है। सीबीटी के एक सदस्य ने कहा कि सेवानिवृत्ति निधि निकाय ने रिटर्न को ध्यान में रखते हुए फैसला किया।

Employees’ Provident Fund Organisation: ईपीएफओ ने 2020-21 के लिये ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.5 प्रतिशत निर्धारित की है। केंद्रीय न्यासी मंडल की श्रीनगर बैठक में फैसला किया गया। 

सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज ऑफ रिटायरमेंट फंड बॉडी ने बैठक में फैसला लिया। ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। पिछले साल की तरह ही इस दर को भी बनाए रखा गया है। सीबीटी के एक सदस्य ने कहा कि सेवानिवृत्ति निधि निकाय ने रिटर्न को ध्यान में रखते हुए फैसला किया। बोर्ड ने 8.5 प्रतिशत ब्याज दर की सिफारिश की।

8.5 प्रतिशत ब्याज दर की सिफारिश

31 दिसंबर तक EPFO ​​ने कोविड-19 महामारी के बाद अग्रिम सुविधा के तहत 14,310.21 करोड़ रुपये के 56.79 लाख दावों का निपटान किया था। कर्मचारी भविष्यनिधि संगठन (ईपीएफओ) के 6 करोड़ से भी अधिक अंशदाताओं के लिए खुशखबरी है। भविष्यनिधि पर मिलने वाले ब्याज में कटौती नहीं की गई।

वित्त वर्ष 2019-20 के लिए भविष्य निधि पर सबसे कम 8.5 फीसदी की दर से ब्याज मिला है, जबकि वित्त वर्ष 2018-19 के लिए यह दर 8.65 फीसदी थी। वित्त वर्ष 2017-18 के लिए ब्याज 8.55 फीसदी और वित्त वर्ष 2016-17 के लिए 8.65 फीसदी था।

आप पीएफ बैलेंस जान सकते हैं

आप सिर्फ एक मिस्ड कॉल करके आप पीएफ बैलेंस जान सकते हैं। इसके लिए आपको अपने पीएफ अकाउंट में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 011-22901406 पर मिस्ड कॉल करना होगा। इसके बाद आपके पास एक मैसेज आएगा जिसमें आपको अपने अकाउंट में मौजूद पीएफ के पैसे की जानकारी मिल जाएगी।

किस साल कितना मिला ब्याज?

2013-14    8.75 फीसदी

2014-15    8.75 फीसदी

2015-16    8.80 फीसदी

2016-17    8.65 फीसदी

2017-18    8.55 फीसदी

2018-19    8.65 फीसदी

2019-20    8.50 फीसदी।

टॅग्स :कर्मचारी भविष्य निधि संगठनजम्मू कश्मीरभारत सरकारनिर्मला सीतारमणसंतोष कुमार गंगवार
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