नई दिल्लीः श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने पांच अलग-अलग सर्वे के लिए सॉफ्टवेयर लॉंच किया। नौकरियों से जुड़े आंकड़े जुटाने में मदद मिलेगी।
प्रवासी और घरेलू श्रमिकों सहित पांच अखिल भारतीय सर्वेक्षणों के लिए सॉफ्टवेयर का शुभारंभ किया और साथ ही नीति निर्माण के लिए सटीक आंकड़ों के महत्व पर जोर दिया। इस मौके पर उन्होंने श्रम ब्यूरो द्वारा किए जा रहे पांच अखिल भारतीय सर्वेक्षणों के लिए प्रश्नावली के साथ अनुदेश पुस्तिका भी जारी की।
गंगवार ने कहा कि नीति निर्माण में सटीक आंकड़ों की महत्वपूर्ण भूमिका है। इनके बिना वर्तमान हालात का विश्लेषण नहीं किया जा सकता, और इससे भविष्य प्रभावित होता है। उन्होंने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के साथ इन पांच सर्वेक्षणों को करने में 30 से 40 प्रतिशत समय की बचत होगी।
श्रम ब्यूरो द्वारा किए जा रहे ये पांच सर्वेक्षण हैं
श्रम ब्यूरो द्वारा किए जा रहे ये पांच सर्वेक्षण हैं - प्रवासी श्रमिकों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण, घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण, कारोबारियों पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण, परिवहन क्षेत्र में उत्पन्न रोजगार पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण, और अखिल भारतीय त्रैमासिक स्थापना आधारित रोजगार सर्वेक्षण।
इन सर्वेक्षणों के परिणाम 7-8 महीनों के भीतर घोषित किये जायेंगे, जिसमें 6 महीने के ‘फील्ड वर्क’ भी शामिल हैं। श्रम और रोजगार मंत्रालय का एक संबद्ध कार्यालय श्रम ब्यूरो, 1920 से श्रम और रोजगार के क्षेत्र में विभिन्न पक्षों की आंकड़ों से संबंधित जरूरतों को पूरा करने में अगुवा रहा है।
इस साल भारत में कंपनियां बढ़ा सकती हैं औसतन 7.3 प्रतिशत वेतन: सर्वेक्षण
महामारी के बाद कारोबारी गतिविधियों में उम्मीद से अधिक तेजी से सुधार और उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ने के चलते कंपनियां इस साल वेतन में औसतन 7.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकती हैं। डेलॉयट टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी द्वारा कार्यबल एवं वेतन बढ़ोतरी के रुझानों के लिए किए गए 2021 के पहले चरण के सर्वेक्षण में पाया गया कि इस साल वेतन में औसत बढ़ोतरी 2020 के 4.4 प्रतिशत से अधिक, लेकिन 2019 के 8.6 प्रतिशत से कम रहेगी।
इस साल सर्वेक्षण में शामिल होने वाली 92 प्रतिशत कंपनियों ने वेतन बढ़ोतरी की बात कही, जबकि पिछले साल सिर्फ 60 प्रतिशत ने ऐसा कहा था। सर्वेक्षण दिसंबर 2020 में शुरू हुआ और इसमें सात क्षेत्रों तथा 25 उप क्षेत्रों की करीब 400 कंपनियां शामिल हुईं। सर्वेक्षण में कहा गया कि भारत में औसत वेतन बढ़ोतरी 7.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है, जो 2020 के 4.4 प्रतिशत से अधिक है।
आर्थिक गतिविधियों में उम्मीद से अधिक तेजी से सुधार, उपभोक्ता विश्वास में बढ़ोतरी तथा बेहतर मार्जिन के चलते कंपनियों ने वेतन बढ़ोतरी के लिए अपने बजट को बढ़ाया है। नजीतों के मुताबिक 20 प्रतिशत कंपनियों ने इस साल दो अंकों में वेतन बढ़ोतरी की योजना बनाई है, जबकि 2020 में यह आंकड़ा सिर्फ 12 प्रतिशत था। सर्वेक्षण के मुताबिक जिन कंपनियों ने पिछले साल वेतन बढ़ोतरी नहीं की थी, उनमें से एक-तिहाई इस साल अधिक बढ़ोतरी या बोनस के रूप में उसकी भरपाई करने की तैयारी कर रही हैं।